कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले पीएम को विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को वापस लेना होगा.
भाजपा की कटु आलोचक ममता ने कहा कि केंद्र के फैसलों के खिलाफ प्रदर्शन करने से विपक्षी पार्टियां राष्ट्र विरोधी नहीं हो जातीं. उन्होंने एक बार फिर से कहा कि वह राज्य में सीएए, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) या राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लागू नहीं करेंगी.
उन्होंने कहा, यदि वह (प्रधानमंत्री) सचमुच में सीएए पर वार्ता शुरू करने में रूचि रखते हैं तो यह अच्छा है. उन्हें (भाजपा को) अवश्य ही सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए. उन्होंने (केंद्र ने) कश्मीर या सीएए पर फैसला करने से पहले सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई. फैसला लेने से पहले उन्हें सभी दलों के साथ विचार विमर्श करना चाहिए था.
ममता ने पेंटिंग के जरिए सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन पहले सीएए वापस लिया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा, यदि केंद्र बातचीत के लिए तैयार है तो उसे पहले सीएए रद्द करना चाहिए. यदि वे इसे रद्द करते हैं तभी हम खुल कर बात कर सकते हैं. प्रधानमंत्री को देशवासियों में विश्वास बहाल करने की जरूरत है. उन्हें हमें यह भरोसा दिलाने की जरूरत है कि सीएए को रद्द कर दिया जाएगा और एनपीआर तथा एनआरसी का विचार छोड़ दिया जाएगा.