15 विधायकों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दे दी है. वे फिलहाल मुंबई में हैं और उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. हम सभी साथ हैं. हम अभी भी अपने फैसले पर अड़े हैं. विधानसभा जाने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता.
13:49 July 17
15 विधायकों ने भी मामले पर दी प्रतिक्रिया
13:48 July 17
जीवीएल नरसिम्हा राव का बयान
बीजेपी सांसद व प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने इस मामले पर कहा कि एससी को इस मामले में समय सीमा तय करनी होगी. यदि आवश्यक हो तो हम अधिनियम में संशोधन करने की आवश्यकता पर विचार करेंगे. ऐसा इस लिए किया जाएगा ताकि स्पीकर अपनी खुद की सनक और रिक्तियों के आधार पर फैसला न लें.
13:38 July 17
बचते नजर आए कुमारस्वामी
वहीं जब कुमार स्वामी से कोर्ट के फैसले पर सवाल पूछे गए तो वे बचते नजर आए. उन्होंने कोई भी जवाब देने से साफ इंकार कर दिया.
13:27 July 17
पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा की प्रतिक्रिया
कर्नाटक में बीजेपी की कमान संभाल रहे पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि सरकार गिर जाएगी क्योंकि वे अल्पमत में हैं. हो सकता है कल सीएम इस्तीफा दे दें. मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं. ये लोकतंत्र और संविधान की जीत है. ये वर्तमान में आया फैसला है, आने वाले दिनों में स्पीकर के अधिकार कोर्ट तय करेगी.
13:25 July 17
बीजेपी नेता जगदीश शेट्टर की प्रतिक्रिया
बीजेपी नेता जगदीश शेट्टर ने कहा कि एचडी कुमारस्वामी की वजह से राज्य में अराजकता का माहौल है. उन्हे फौरन ही इस्तीफा दे देना चाहिए और कल होने वाले शक्ति पक्षिण का इंतेजार करना चाहिए.
12:51 July 17
वकील मुकुल रोहतगी ने बताईं कोर्ट की दो अहम बातें
15 विधायकों की ओर से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कल फ्लोर टेस्ट है. सुप्रीम कोर्ट ने दो आवश्यक बाते कहीं है. पहली 15 विधायकों को इस सत्र में शामिल होने के लिए कोई बाध्यता नहीं है. सभी विधायकों के पास न जाने का भी विकल्प है. दूसरी अहम बात ये है कि स्पीकर के पास कोई भी निर्णय लेने का अधिकार है. फैसला लेने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं है.
12:41 July 17
सीएम किमारस्वामी पहुंचे मंदिर
फैसला आने के ठीक बाद कर्नाटक सीएम एचडी कुमार स्वामी श्री शिंगेरी शंकर मठ मंदिर पहुंचे. वहां उन्होंने पूजा-अर्चना की. यह मंदिर शंकरापुरम में है.
12:00 July 17
SC का फैसला आने पर सामने आई लोगों की प्रतिक्रिया
नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को कांग्रेस-जद(एस) के 15 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने का निर्देश देने की मांग को लेकर दायर याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुना दिया है. सीजेआई ने साफ तौर पर कह दिया है कि इस मामले पर स्पीकर फैसला ले. स्पीकर को फैसला लेने के लिए कोई निर्धारित समयसीमा नहीं दी गई है. 15 विधायकों के पास सत्र में भाग न लेने का भी विकल्प है. फैसला आने के बाद से ही तमाम नेताओं और अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की प्रतिक्रिया आना शुरू हो गई है.