नई दिल्ली : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का दशकों पुराना साथ छूट गया है. इस पर कांग्रेस ने कहा है कि यह किसानों की जीत है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'काले कानून के समर्थक अकाली दल को राजग छोड़ना पड़ा और मोदी सरकार से संबंध तोड़ने पड़े.' उन्होंने कहा, 'उन्हें (अकाली) किसानों-श्रमिकों की चौखट पर झुकना पड़ा.'
सुरजेवाला ने हरसिमरत कौर का एक पुराना बयान भी शेयर किया है. उन्होंने लिखा, 'हरसिमरत कौर का ये इंटरव्यू भी देखें जहां वो खेती विरोधी काले क़ानूनों को सही ठहरा रही थीं.'
पंजाब के सीएम ने फैसले को बताया 'राजनीतिक मजबूरी'
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अकाली दल के फैसले पर चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि 'शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के फैसले के पीछे कोई नैतिक आधार नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने कृषि विधेयकों को लेकर किसानों को नहीं मना पाने के लिए अकाली दल को जिम्मेदार ठहराया था जिसके बाद उनके पास और कोई विकल्प नहीं रह गया था.'
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का ट्वीट
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'केंद्र के भाजपा नीत सत्तारूढ़ दल ने शिअद के झूठ और दोहरे रवैये को सामने ला दिया. उन्होंने कहा कि चेहरा बचाने की इस कवायद में अकाली दल और भी बड़ी राजनीतिक मुश्किल में फंस गया है जिसमें अब उनके लिए पंजाब के साथ-साथ केंद्र में भी कोई जगह नहीं बची.'
इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कृषि विधेयकों के विरोध में शनिवार रात को भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने की घोषणा की. पार्टी की कोर समिति की बैठक के बाद उन्होंने यह घोषणा की. इससे पहले राजग के दो अन्य प्रमुख सहयोगी दल शिवसेना और तेलगु देशम पार्टी भी अन्य मुद्दों पर गठबंधन से अलग हो चुके हैं.
पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह का फैसला
शिअद के प्रमुख सुखबीर ने कहा, 'शिरोमणि अकाली दल की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई कोर समिति की शनिवार रात हुई आपात बैठक में भाजपा नीत राजग से अलग होने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया.' उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की भावनाओं का आदर करने के बारे में भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी दल शिअद की बात नहीं सुनी.
इससे पहले, 17 सितंबर को सुखबीर सिंह बादल की पत्नी और शिअद की वरिष्ठ नेता हरसिमरत कौर ने कृषि विधेयकों के विरोध में कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
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शिअद की ओर से सुखबीर का बयान
शिअद की ओर से जारी बयान में सुखबीर बादल ने कहा कि राजग से अलग होने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि केंद्र ने किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी सुनिश्चित करने से इनकार कर दिया है. वह पंजाबी, खासकर सिखों से जुड़े मुद्दों पर लगातार असंवेदनशीलता दिखा रही है, जिसका एक उदाहरण है जम्मू-कश्मीर में आधिकारिक भाषा श्रेणी से पंजाबी भाषा को बाहर करना.'
हरसिमरत कौर बादल का ट्वीट
राजग से अलग होने पर हरसिमरत का बयान
हरसिमरत कौर ने राजग से अलग होने के बारे में कहा कि 'केंद्र की भाजपा नीत सरकार ने पंजाब की ओर से आंखें मूंद ली हैं. उन्होंने कहा कि यह वह गठबंधन नहीं है जिसकी कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कल्पना की थी. उन्होंने कहा, 'जो अपने सबसे पुराने सहयोगी दल की बातों को अनसुना करे और राष्ट्र के अन्नदाताओं की याचनाओं को नजरंदाज करे, वह गठबंधन पंजाब के हित में नहीं है.'
हरसिमरत ने ट्वीट किया, 'तीन करोड़ पंजाबियों की पीड़ा और विरोध के बाद भी अगर केंद्र के सख्त रवैये में नरमी नहीं आती है तो यह वह राजग नहीं रह गई है जिसकी वाजपेयी जी और बादल साहब ने कल्पना की थी.'