नई दिल्ली/हबीबपुर : कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किसानों के लिए कई लुभावने प्रस्ताव शामिल किए हैं.कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अलग 'किसान बजट' का भी जिक्र किया है.कांग्रेस के घोषणा पत्र सामने आने के बाद किसान क्या सोचते हैं.ये जानने के लिए ईटीवी भारत उत्तर प्रदेश के हबीबपुर गांव पहुंचा.
ईटीवी भारत संवाददाता ने किसानों समेत कई नेताओं से भी बात की.कुछ किसानकांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र से संतुष्ट दिखे. हालांकि, कईकिसानों ने इस घोषणा पत्र को लॉलीपॉप भी बताया.
ईटीवी भारत से बात करते किसान किसानों का कहना है किसरकार हर बार किसानों से वादेकरती है, लेकिन कोई अपने वादे को पूरा नहीं करता. उन्होंनेकहा कि अगरकिसान को उसकी फसल की उचित कीमत मिल जाए तो किसी को सरकार की मदद की जरूरत नहीं होगी.
ईटीवी भारत से बात करते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि संगठन की तरफ से सभी सदस्यों को वोट करने की आजादी है.
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टिकैत ने कहा कि किसानों को पूरी आजादी है, वेजिसे चाहें अपना समर्थन दे सकते हैं.वे अपनी इच्छा से वोट करें.
कुछ किसानों ने वर्तमान में केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों से भी सहमति जताते हुए कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के लिए अच्छा काम किया.तो कुछ किसानों ने मोदी सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार ने पांच सालों मेंकिसानों के लिए कुछ नहीं किया.
वहीं कुछ किसानों ने कहा कि सभी राजनीतिक दल बड़े बड़े वादे करतेहैं लेकिन, किसानों के लिए कुछ काम नही होता. किसानों का कहना है कि घोषणा सभी करते हैं लेकिन, घोषणा पत्र को लागू कोई नहीं करता.
वहीं कुछ किसान कांग्रेस के घोषणा पत्र से संतुष्ट दिखे. किसानों ने कहा कि अगर हर किसान को 72000 रु मिलेंगे तो किसानों को फायदा होगा. जबकि युवा किसानों का कहना है कि सरकार हर बार मिठाई का डिब्बा दिखाकर किसानों कोलॉलीपॉप थमा देती है.
बता देंकि कांग्रेस पार्टी ने गत दो अप्रैल को अपना घोषणा पत्र जारी किया. इसमेंकिसानों से वादा किया गया है कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर किसानों का विशेष ख्याल रखा जाएगा.