नई दिल्ली :भारत के शीर्ष चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि कुछ मामलों में भारत में प्लाज्मा उपचार के कारण रोगियों में प्रतिक्रियाएं हुई हैं.
डॉ. भार्गव ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग कई वर्षों से कई बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है. कई देश इसपर शोध भी कर रहे हैं. कई देशों में इसके अच्छे परिणाम भी आए हैं. लेकिन आईसीएमआर के अध्ययन से पता चलता है कि यह मृत्यु दर को कम करने और बीमारी को फैलने से रोकने में मदद नहीं करता है लेकिन, हम मानते हैं कि और अधिक अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है.
यह भी पढ़ें - पिछले 24 घंटे में 83,809 नए पॉजिटिव केस, 9.90 लाख से ज्यादा केस एक्टिव
कई राज्यों ने प्लाज्मा उपचार की मांग की, जिसके बाद डॉ. भार्गव ने यह बयान दिया है. डॉ. भार्गव ने कोविड वैक्सीन पर बात करते हुए कहा कि जाइडस कैडिला और भारत बायोटेक के वैक्सीन का फेज I का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है.
उन्होंने कहा कि फेज 2 परीक्षण के लिए उम्मीदवारों की भर्ती पूरी हो गई है. फेज 2 का परीक्षण फिलहाल प्रक्रियाधीन है. डॉ. भूषण ने आगे कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का भी तीसरे चरण का चिकित्सीय परीक्षण भी जल्द शुरू होगा.
यह भी पढ़ें - स्वास्थ्य मंत्रालय : हवा में भी कोरोना, तेजी से फैल रहा संक्रमण
डॉ. भार्गव ने कहा कि जहां तक रूसी टीका का संबंध है, भारत और रूस इस मामले को लेकर एक-दूसरे के संपर्क में हैं. रूसी वैक्सीन का चरण I और II परीक्षण आशाजनक परिणाम दिखाता है. हम चरण III परीक्षण के लिए रूसी सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं. लेकिन इससे पहले ड्रग कंट्रोलर अथॉरिटी को इसकी मंजूरी देनी होगी.