नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मध्यस्थता पर बयान दिया था. बयान के बाद पूर्व भारतीय राजनयिक जे के त्रिपाठी समेत कई अन्य कूटनीतिक आश्चर्य में पड़ गए हैं. उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप पर अगले चुनावों के लिए अपनी छवि बनाने के लिए राजनीति को नुकसान पहुंचाने का आरोंप लगाया है.
ईटीवी से खास बात-चीत के दौरान पूर्व राजनयिक जे के त्रिपाठी ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप बिना सोचे समझे बात कहने के लिए बदनाम है. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने दावा किया है कि कुछ दिन प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने मध्यस्था के लिए कहा था, लेकिन ट्रंप और मोदी अन्तिम बार जी-20 ओसाका सम्मेलन में मिले थे. लेकिन उस दौरान भी मोदी ने ट्रंप के साथ बैठकर बात नहीं की है. वह नहीं जानते हैं कि मध्यस्थता और मध्यस्थता क्या होती है.
ईटीवी भारत से बात करते पूर्व राजनयिक जे के त्रिपाठी क्या अमेरिकी राष्ट्रपति अपने टिप्पणी की रेखा पार कर चुके हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए जेके त्रिपाठी ने कहा कि वह निश्चित रुप से रेखा को पार कर चुके हैं. यह एक कारण है कि ट्रंप क्यों टिप्पणियां कर रहे हैं. ट्रंप 2020 चुनाव प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे हैं. ट्रंप अपने आप को अब विश्वनेता बनाने का प्रयास कर रहे हैं.
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22 जुलाई को डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ प्रेस वार्ता की. इस दौरान एक बयान दिया था.
यह बयान कश्मीर को लेकर था. ट्रंप ने आरोप लगाया है कि जी-20 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कहा कि कश्मीर मुद्दें पर मध्यस्थता कर इसे हल करे.
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इस सब के बीच, भारत सरकार ने इस बयान को खारिज किया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर संसद में अपने भाषण के दौरान दावा किया है. कि पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को ऐसी कोई बात नहीं कही थी. और कहा कि इस मुद्दे का हल शिमला समझौते और लाहौर घोषणा के अनुसार होगा.