दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

लोकसभा से सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस-भाजपा नेताओं के बीच जुबानी जंग - भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव

कांग्रेस के सात लोकसभा सदस्यों को गुरुवार को सदन से मौजूदा बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है. इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने इस काईवाई को तानाशाही करार दिया है. तो वहीं भाजपा ने कांग्रेस सांसदों के कृत्य को संसद की गरिमा के खिलाफ बताया.

जेवीएल और सुरजेवाला
जेवीएल और सुरजेवाला

By

Published : Mar 5, 2020, 7:45 PM IST

Updated : Mar 5, 2020, 11:30 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के सात लोकसभा सदस्यों को गुरुवार को सदन का अपमान करने और 'घोर कदाचार' के मामले में मौजूदा बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है. कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस कार्रवाई को तानाशाही करार दिया है. तो वहीं दूसरी ओर भाजपा ने कांग्रेस सांसदों के कृत्य को संसद की गरिमा के खिलाफ करार दिया.

निलंबित सांसदों में एक मणिकम टैगोर ने इस निर्णय को संसद का काला दिन करार दिया. साथ ही लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पर सत्ता पक्ष के दबाव में कार्य करने का आरोप लगाया.

मणिकम टैगोर का बयान.

मामले को लेकर कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा कि लोकसभा का निर्णय विवादस्पद है. उन्होंने कहा कि जब बजट सत्र का दूसरा भाग संसद में शुरू हुआ था तो सभी राजनीतिक दलों ने दिल्ली हिंसा पर चर्चा करने फैसला किया था, लेकिन गृहमंत्री ने संसद में आने तक की जरूरत नहीं समझी. उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले में अगर किसी पर कार्रवाई करनी ही थी, तो गृहमंत्री पर होनी चाहिए थी.

पीएल पुनिया की प्रतिक्रिया.

उन्होंने कहा, 'हमने वास्तविक सवाल पूछे थे. दिल्ली के दंगे अमित शाह के समर्थन में हुए थे और हम उनसे संसद में इस मामले पर बहस करने के लिए कह रहे हैं.'

इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने सांसदों के खिलाफ की गई निलंबन कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि इन सांसदों ने लोकसभा की सारी मर्यादाओं को तार-तार कर दिया था.

ईटीवी भारत से बात करते जीवीएल नरसिम्हा राव.

राव ने ईटीवी भारत से कहा कि इससे पहले उन्होंने हाथापाई भी करने की कोशिश की थी, मगर गुरुवार को जब उन्होंने लोकसभा में अध्यक्षीय पीठ से कागज छीनने का प्रयास किया तो यह पूरी तरह संसदीय परम्परा के खिलाफ था.

उन्होंने कहा कि लगातार तीन दिनों से चेतावनी देते आ रहे लोकसभा स्पीकर ने उन्हें पूरे सत्र के लिए निलंबित किया. यह उन सांसदों के लिए एक सबक साबित होगा, जो लगातार हंगामा कर रहे हैं.

नरसिम्हा राव ने कहा कि विपक्षी पार्टियां चर्चा नहीं चाहतीं, संसद के विधायी कार्यों में भाग लेना नहीं चाहतीं, इसीलिए पिछले दिनों एक ही मुद्दे को लेकर लगातार हंगामा कर रही हैं.

उधर भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा, 'जब मैं दोपहर एक बजे लोकसभा अध्यक्ष पद पर था, तो वहां सांसदों द्वारा कागज फाड़ दिए गए और उन्हें अध्यक्ष पर फेंक दिया गया. यह हमारे सांसदों के गैर जिम्मेदार व्यवहार को दिखाता है और संसद की गरिमा के खिलाफ जाता है.'

अधीर रंजन चौधरी का बयान.

इससे पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस फैसले को लेकर कहा, 'यह तानाशाही है. ऐसा लगता है सरकार दिल्ली हिंसा पर चर्चा करना नहीं चाहती. हम इस फैसले की निंदा करते हैं.'

वहीं, इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि संसद की कार्यवाही के लिए यह एक काला दिन है. इस फैसले में सरकार की तानाशाही झलकती है. निलंबित किए गए सांसद केवल दिल्ली हिंसा को लेकर चर्चा करने की मांग कर रहे थे.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का बयान.

पढ़ें- बजट सत्र : लोकसभा में कांग्रेस के सात सांसद निलंबित, जानिए नाम और वजह

इसके अलावा पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों द्वारा अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक कागज छीने जाने और उछालने का ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संसदीय इतिहास में संभवत: पहली बार हुआ है.

गौरतलब है कि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस सदस्यों गौरव गोगोई, टी.एन. प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टैगोर और गुरजीत सिंह औजला को निलंबित करने संबंधी प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया.

Last Updated : Mar 5, 2020, 11:30 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details