नई दिल्ली : कांग्रेस के सात लोकसभा सदस्यों को गुरुवार को सदन का अपमान करने और 'घोर कदाचार' के मामले में मौजूदा बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है. कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस कार्रवाई को तानाशाही करार दिया है. तो वहीं दूसरी ओर भाजपा ने कांग्रेस सांसदों के कृत्य को संसद की गरिमा के खिलाफ करार दिया.
निलंबित सांसदों में एक मणिकम टैगोर ने इस निर्णय को संसद का काला दिन करार दिया. साथ ही लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पर सत्ता पक्ष के दबाव में कार्य करने का आरोप लगाया.
मामले को लेकर कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा कि लोकसभा का निर्णय विवादस्पद है. उन्होंने कहा कि जब बजट सत्र का दूसरा भाग संसद में शुरू हुआ था तो सभी राजनीतिक दलों ने दिल्ली हिंसा पर चर्चा करने फैसला किया था, लेकिन गृहमंत्री ने संसद में आने तक की जरूरत नहीं समझी. उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले में अगर किसी पर कार्रवाई करनी ही थी, तो गृहमंत्री पर होनी चाहिए थी.
उन्होंने कहा, 'हमने वास्तविक सवाल पूछे थे. दिल्ली के दंगे अमित शाह के समर्थन में हुए थे और हम उनसे संसद में इस मामले पर बहस करने के लिए कह रहे हैं.'
इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने सांसदों के खिलाफ की गई निलंबन कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि इन सांसदों ने लोकसभा की सारी मर्यादाओं को तार-तार कर दिया था.
राव ने ईटीवी भारत से कहा कि इससे पहले उन्होंने हाथापाई भी करने की कोशिश की थी, मगर गुरुवार को जब उन्होंने लोकसभा में अध्यक्षीय पीठ से कागज छीनने का प्रयास किया तो यह पूरी तरह संसदीय परम्परा के खिलाफ था.
उन्होंने कहा कि लगातार तीन दिनों से चेतावनी देते आ रहे लोकसभा स्पीकर ने उन्हें पूरे सत्र के लिए निलंबित किया. यह उन सांसदों के लिए एक सबक साबित होगा, जो लगातार हंगामा कर रहे हैं.