दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

हिमालयन सीरो के बाद लाहुल घाटी में दिखाई दिया दुर्लभ हिमालयन कस्तूरी मृग - दुर्लभ हिमालयन कस्तूरी मृग

कुछ दिन पहले लाहौल घाटी में दुर्लभ हिमालयन सीरो के देखे जाने की खबर आई थी. उसके बाद अब घाटी में दुर्लभ कस्तूरी मृग दिखाई दिया है. दुर्लभ वन्य प्राणी दिखने से वन विभाग के अधिकारी भी गदगद हैं. कस्तूरी मृग को रशेल गांव के फोटोग्राफर इंद्रजीत भानू ने अपने कैमरे में कैद किया है.

musk deer seen in Lahaul
लाहुल घाटी में नजर आया कस्तूरी मृग.

By

Published : Dec 17, 2020, 12:03 PM IST

कुल्लू/लाहौल-स्पीति: जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति की लाहुल घाटी में दुर्लभ हिमालयन कस्तूरी मृग दिखा है. रशेल गांव के फोटोग्राफर इंद्र जीत भानू ने इसे अपने कैमरे में कैद किया है और वीडियो भी बनाए हैं. कुछ दिन पहले स्पीति के हुर्लिग गांव में हिमालयन सीरो और अब लाहुल में कस्तूरी मृग के देखे जाने से वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी भी गदगद हैं.

दुर्लभ जीवों का दिखना वे इनके संरक्षण के लिए शुभ संकेत मान रहे हैं. इंद्रजीत भानू के अनुसार हिमालयन कस्तूरी मृग लाहुल के कई भागों खासकर चंद्रभागा के वामतट पर देखे जाते रहे हैं. वह कुछ दिन से एक हिमालयन कस्तूरी मृग के फोटो खींच रहे हैं व वीडियो बना रहे हैं. मंगलवार को भी उन्होंने इसे देखा था. इस दुर्लभ वन्य जीव की सुरक्षा के लिहाज से उन्होंने इसके देखे जाने की सही जगह को बताने से इनकार किया.

लाहुल घाटी में नजर आया कस्तूरी मृग.

मार्च 2018 में भी लाहुल की मायड़ घाटी में कस्तूरी मृग देखा गया था. कस्तूरी के लिए इस वन्य जीव का अवैध रूप से शिकार किया जाता है. इसको देखते हुए वन विभाग की टीमें सतर्क हो गई हैं. सर्दियों में बर्फबारी के बाद वन्य जीव निचले इलाकों में आने लगते हैं.

2012 में लाहौल स्पीति की महिलाओं ने शिकार पर प्रतिबंध लगाकर शीत मरुस्थल में 10 हजार फीट ऊंचाई पर विचरण करने वाले दुर्लभ वन्य प्राणी आईबैक्स (टंगरोल) का अस्तित्व मिटने से बचा लिया था अब इनकी संख्या में बढ़ोतरी हुई है. रिहायशी इलाकों में भी आईबैक्स को झुंडों में घूमते देखा जा सकता है.

क्या है कस्तूरी मृग?

कस्तूरी मृग हिमालयी क्षेत्र में 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर भारत, तिब्बत, नेपाल, भूटान, पकिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्रों में पाया जाता है. भारत में यह वन्य जीव हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में पाया जाता है.

कस्तूरी मृग के शरीर का रंग बदलता रहता है. पेट और कमर का निचला भाग लगभग सफेद ही होता है और बाकी शरीर कत्थई भूरे रंग का होता है. इसके कान लंबे और गोलाकार होते हैं. इसकी सुनने की शक्ति बहुत तेज होती है. इसका वजन 7 से 17 किलो तक होता है. कस्तूरी केवल नर मृग में पाई जाती है. कस्तूरी मृग संकटग्रस्त दुर्लभ प्रजातियों में शामिल है.

लाहुल घाटी में नजर आया कस्तूरी मृग.

इंद्रजीत का कहना है कि हिमालयन कस्तूरी मृग को कई साल से देखता आ रहा हूं. यह नहीं कह सकता कि हर साल अलग-अलग वन्य जीव देखे हैं या एक ही. इस बार मैं अपने कैमरा के साथ तैयार था. कुछ दिनों में इस खूबसूरत जानवर के कई फोटो खींचे और वीडियो बनाए हैं. मेरा मकसद इस वन्य जीव की खूबसूरती दुनिया को दिखाना और लोग इसका शिकार न करें इसके लिए प्रेरित करना है. यही वजह है कि मैं अपने फोटो पर कॉपीराइट क्लेम नहीं करता हूं.

पढ़ें:विजयवर्गीय बोले- किसी को बताना मत, मोदी ने गिराई थी कमलनाथ की सरकार

वन विभाग सतर्क

डीएफओ केलंग दिनेश शर्मा का कहना है कि जो फोटो इंद्रजीत भानू ने खींचे हैं वे हिमालयन कस्तूरी मृग के ही हैं. यह खुशी की बात है कि हिमालयन कस्तूरी मृग, हिमालयन सीरो समेत कई दुर्लभ वन्य जीव लाहौल-स्पीति जिले में फलफूल रहे हैं, इनके संरक्षण के लिए वन विभाग सतर्क है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details