भोपाल :उत्तर प्रदेश के हाथरस, बलरामपुर और मध्यप्रदेश के सतना-खरगोन, जबलपुर के बाद अब नरसिंहपुर जिले में एक अनुसूचित जाति की महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है. पीड़िता और उसका परिवार अपनी फरियाद लेकर जब पुलिस थाने पहुंचा तो उनकी शिकायत तक दर्ज नहीं की गई. उलटा पुलिस वालों ने उन्हें परेशान किया. लिहाजा शिकायत दर्ज न होने के बाद पीड़िता ने आत्महत्या कर ली. मामला नरसिंहपुर के चीचली थाना अंतर्गत एक गांव का है.
पीड़िता की आत्महत्या के बाद पुलिस हरकत में आई और तीन लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म तो लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला भी पंजीबद्ध कर लिया गया. पुलिस के मुताबिक इस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. तो वहीं लापरवाह एएसआई पर भी कार्रवाई की गई है. मृतका के पति का आरोप है कि उसकी पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था. इसकी रिपोर्ट लिखाने वह तीन दिन से चौकी-थाने के चक्कर लगा रहे थे. लेकिन पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के बजाय पीड़िता के परिजनों को ही सलाखों के पीछे कर दिया.
28 सितंबर की है घटना
मृतका के पति ने गाडरवारा के एसडीओपी सीताराम यादव को बताया कि उसकी पत्नी 28 सितंबर को गांव में खेत पर चारा काटने गई थी. जहां पर परसू, गुड्डा और अनिल नाम के तीन लोगों ने उसके साथ गैंगरेप किया. शाम को घर आने पर पीड़िता ने यह बात परिजनों को बताई. इसके बाद सभी रात को ही गोटीटोरिया पुलिस चौकी पहुंचे, जहां उनसे आवेदन लेकर सुबह मेडिकल कराने की बात कही गई. पीड़ित परिवार का आरोप है कि जब दूसरे दिन 29 सितंबर को वह चौकी पहुंचे तो उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई. 30 सितंबर को वह चीचली थाना पहुंचे, जहां उनकी फरियाद सुनने के बजाय पुलिसकर्मियों ने महिला के पति और जेठ को ही लॉकअप में बंद कर दिया. जबकि पीड़िता के साथ भी गालीगलौच की गई. आरोप है कि महिला के परिजन को छोड़ने के एवज में पुलिस ने उनसे पैसे भी लिए.
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इस व्यवहार से परेशान होकर महिला ने दो अक्टूबर की सुबह घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं इस मामले में एसडीओपी सीताराम यादव का कहना था कि महिला के साथ तीन लोगों द्वारा दुष्कर्म की शिकायत आई है. मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है. जांच जारी है, पीड़ितों के बयान ले लिए गए हैं, जो दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी.