नाहन : पहाड़ी राज्य हिमाचल 'पर्यटन राज्य' के तौर पर भी मशहूर है. यहां की खूबसूरती लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. ऐसे में इस छोटे से राज्य में पर्यटन की अपार संभावनाएं है. अनछुआ हिमाचल की इस सीरीज में हम आपको ऐसी ही जगहों के बारे में जानकारी देते हैं, जो अपने आप में खास है. अनछुआ हिमाचल की आज की कड़ी में हम आपको नाहन में रानीताल बाग के बारे में बताने जा रहे हैं.
1621 में बसा ऐतिहासिक शहर नाहन हेरिटेज शहर के रूप में जाना जाता है. लिहाजा यहां बहुत सी ऐतिहासिक धरोहरें खुद में कई इतिहास को संजोए हुए हैं. इन्हीं में से एक शहर के बीचोंबीच स्थित रानीताल बाग भी है. इस बाग की स्थापना महाराजा शमशेर प्रकाश ने अपनी महारानी की याद में की थी, जोकि देवथल से ताल्लुक रखती थीं.
क्या कहते हैं शाही परिवार के सदस्य
शाही परिवार के सदस्य व पूर्व विधायक कंवर अजय बहादुर सिंह ने बताया कि 1889 में महाराजा शमशेर प्रकाश की रानी का शादी के बाद देहांत हो गया था, जोकि देवथल से थीं और महाराजा शमशेर प्रकाश के बहुत करीब थीं. उन्हीं की याद में यह रानीताल बाग व यहां मौजूद शिवालय बनाया गया. इस मंदिर के साथ तालाब भी बनाया गया था.
रियासतकाल में इस जगह पर राजपरिवार प्रमुख अधिकारियों और विशेष नागरिकों को दावतें देता था. साथ ही विशेष अभिनंदन कार्यक्रम भी किए जाते थे. उस समय यहां बहुत ही सुंदर सैरगाह थी, जिसमें हर मौसम के अनुसार कई तरह के फूल लगाए जाते थे.
शिव मंदिर के पास एक बहुत बड़ा प्राचीन कुआं भी है, जिसकी गहराई लगभग 90 फीट है. इसके अलावा बाग में एक प्राचीन तालाब भी मौजूद है, जो इस जगह की खूबसूरती को चार चांद लगा देता है.