नई दिल्ली : केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि केंद्र सरकार ने देश में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और उसकी कीमतों में कमी लाने के लिए कदम उठाए हैं. इस क्रम में सरकार एमएमटीसी के माध्यम से 41950 मेट्रिक टन प्याज आयात करने का आदेश दे चुकी है.
पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों को आयातित प्याज 50 से 60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 'नो प्रॉफिट, नो लॉस आधार' पर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराएगी.
प्याज आयात के बारे में जानकारी देते केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान. आयातित प्याज के देश में आने के संभावित तारीखें प्रकार हैं - 9244 mt प्याज - संभावित तारीख 1 से 5 जनवरी.
7299 mt प्याज - संभावित तारीख 8 से 11 जनवरी.
15 से 20 जनवरी के बीच 7551 mt प्याज की खेप आ सकती है.
8080 mt प्याज आने की संभावित तारीख 22 से 25 जनवरी.
7750 mt प्याज आने की संभावित तारीख 26 से 30 जनवरी.
इस तरह सरकार पूरे एक महीने में 41950 टन मेट्रिक टन प्याज का आयात करेगी.
विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों से पहले ही लगभग 33139 mt आयातित प्याज की मांग की प्राप्ति हुई थी, हालांकि बाद में महाराष्ट्र 3480 एमटी, असम 10000 एमटी, हरियाणा 2500 mt, उड़ीसा 100mt ने अपनी मांग वापस ले ली है.
वहीं 31 दिसंबर 2019 की स्थिति के अनुसार राज्यों द्वारा कुल 14309 mt प्याज की मांग है. 3 जनवरी 2020 की स्थिति के अनुसार लगभग 6812 mt प्याज पहले ही देश के बंदरगाहों पर पहुंच चुका है.
1015 mt प्याज राज्यों को मांग के आधार पर भेजी जा चुकी है, 38 कंटेनर प्याज भी जल्द राज्यों में पहुंच जाएगा.
बता दें राज्यों को उनकी मांग के आधार पर अनुबंधित राशि पर इसे लेने के लिए कहा जा रहा है और राज्य अपनी प्रारंभिक मांग से ज्यादा प्याज की मांग भी कर सकते हैं. सभी राज्य और संघ राज्य क्षेत्रों को इस संबंध में पत्र भेजा जा चुका है और कई बार उनके साथ इस संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी हो चुकी है.
उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने कहा कि 2 जनवरी 2020 को पांच राज्यों -असम, हरियाणा कर्नाटक, महाराष्ट्र और उड़ीसा के मुख्य सचिवों को पुनः पत्र लिखा गया है. जिन राज्यों ने आयातित प्याज की ज्यादा मात्रा की मांग की थी, उन्हें उनकी मांग के आधार पर प्याज का आवंटन कर दिया गया है.
इसी प्रकार अन्य राज्यों ने भी आयातित प्याज के अनुमानित आवंटन के बारे में अवगत कराया है. पासवान ने इस संदर्भ में 20 दिसंबर 2019 को ट्वीट भी किया था और राज्यों को प्याज की मांग के बारे में पुनः लिखा गया है.