नई दिल्ली : कोरोना लॉकडाउन में देश में अनाज की कोई कमी न हो इसके लिए केंद्र सरकार हर संभव कदम उठा रही है. इस संबंध में केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि खाद्यान्न के मामले में हम लोग आत्मनिर्भर हैं. हमारे पास अनाज का पर्याप्त भंडार है. पूरा मुल्क कोरोना महामारी की चपेट में है. हमारे लिए चुनौती की घड़ी चल रही है. हमारे लिए यह कठिन परीक्षा की घड़ी है.
रामविलास ने कहा कि पूरे देश में तालाबंदी है, लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के अधिकारी, कर्मचारी, मजदूर दिन-रात काम कर रहे हैं. इन सब की संख्या करीब एक करोड़ है. यह सब लगातार राज्यों में अनाज की आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं.
पासवान ने कहा कि देश में अनाज की कमी नहीं है. हम लोगों की पूरी कोशिश है कि कोई भी भूखा न रहे. खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 81 करोड़ लोगों को उनके कोटे से सस्ता अनाज दिया जा रहा है. साथ में इस संकट के दौर में अप्रैल, मई, जून महीने तक मुफ्त में अलग से पांच किलो अनाज और एक किलो दाल दी जा रही है.
केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी उन्होंने कहा कि देश में करीब 564 लाख टन अनाज है और उसमें से अभी तक 284 टन चावल व 280 लाख टन गेहूं है. उन्होंने कहा कि अगले तीन महीने का टारगेट हम लोगों ने तय कर लिया है, गेहूं की खरीद का टारगेट 400 लाख टन है व 100 लाख टन चावल खरीदना है. उन्होंने कहा कि अगर राज्यों की बात करें तो उनको एक लाख 95 हजार टन दाल की आवश्यकता थी और और हम लोग एक लाख 25 हजार टन दाल भेज चुके हैं.
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अनाज भंडारण को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण 24 मार्च से पूरा देश लॉकडाउन है और लॉकडाउन के बाद से कल तक एफसीआई ने 2140 रेल रैक के जरिए 59.92 लाख टन अनाज लोड कर विभिन्न राज्यों को भेजा है और उसमें से 1970.5 रेल रैक से 55.17 लाख टन चावल और गेहूं विभिन्न गोदामों में अनलोड कर आगे लाभुकों के बीच वितरण हेतु राज्यों को आपूर्ति की गई है.
बता दें देश में लॉकडाउन में कई जगहों पर गरीबों की मदद के लिए एनजीओ व स्वयं सेवी संस्थाएं राहत केंद्र व लंगर चला रही हैं, जहां पर दो वक्त का खाना गरीबों को दिया जाता है. फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने इन एनजीओ व स्वयंसेवी संस्थाओं को ‘ओपन मार्केट सेल योजना’ के तहत अब तक 21 रुपया KG की दर से 131 टन गेहूं व 22 रुपये किग्रा. की दर 2033 टन तक चावल दिया है.