नई दिल्लीः हाल ही में प्रधानमंत्री ने ऐलान किया है कि आने वाले सालों में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग बंद कर दिया जाएगा. इस आंदोलन की नींव महात्मा गांधी की जयंती के दिन रखी जाएगी. इसी मुद्दे को लेकर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने आज एक प्रेस वार्ता की.
केंद्रीय मंत्री पासवान ने बताया, भारत में हर साल 95 लाख टन प्लास्टिक कचरा निकलता है, जिसमें सिंगल यूज प्लास्टिक 38 लाख टन है. यह न सिर्फ पर्यावरण के लिए घातक है बल्कि आम आदमी और पशु-पक्षियों पर भी इसका बुरा असर पड़ता है.
प्रेस वार्ता करते रामविलास पासवान उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ जन आंदोलन की नींव रखेंगे. मेरे मंत्रालय और इससे जुड़े सभी कार्यालयों में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है.
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पासवान ने आगे कहा कि बोतलबंद पीने के पानी की पैकिंग का विकल्प ढूंढना सबसे जरूरी है. वहीं प्लास्टिक कैरीबैग का विकल्प पहले से उपलब्ध है. पानी की बोतल के विकल्प पर इससे जुड़े स्टेकहोल्डर्स ने कई सुझाव दिए हैं और उस दिशा में काम चल रहा है.
उन्होंने कहा कि अभी कांच, मिट्टी के बर्तन या टेट्रापैक जैसे विकल्प मौजूद हैं लेकिन यह पूरी तरह व्यावहारिक नहीं है, किसी भी विकल्प के लिए जरूरी है कि वह आम आदमी की पहुंच में हो, पारदर्शी हो और विश्वसनीय हो. कंपोस्टेबल प्लास्टिक एक विकल्प हो सकता है लेकिन इस पर अभी काफी काम करना है
उन्होंने कहा कि जल्द प्लास्टिक की बोतल का सुलभ और सर्वमान्य विकल्प ढूंढ लेंगे, हम चरणबद्ध ढंग से सिंगल यूज प्लास्टिक को समाप्त करने की दिशा में अग्रसर हैं, कई राज्यों ने इस पर रोक भी लगा दी गई है.