नई दिल्ली : महाराष्ट्र में सत्ताधारी पार्टी शिवसेना अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर अयोध्या जाएगी. इस पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने तंज कसते हुए कहा कि 100 दिन पूरे होने पर अगर शिवसेना अयोध्या जाना चाहती है तो अच्छी बात है. लेकिन शिवसेना को अकले नहीं जाना चाहिए. इसके बजाय राहुल गांधी या कांग्रेस के अन्य नेताओं को लेकर जाना चाहिए. क्योंकि कांग्रेस पार्टी हो या कोई भी पार्टी हो सभी को हर धर्म का सम्मान करना चाहिए और यह विचारधारा भारतीय संविधान की है. साथ ही उन्होंने अयोध्या मामले पर कहा कि सुप्रीम को मस्जिद के लिए 25 से 30 एकड़ देनी चाहिए थी.
ईटीवी भारत ने केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले से बात की. उन्होंने कहा , ' मुझे लगता है कि सभी पार्टियों को एक दूसरे धर्म का सम्मान करना चाहिए और एक दूसरे के कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए. अजमेर के एक दरगाह है वहां पर मुस्लिमों से अधिक हिन्दू आते हैं और जब दिवाली होती है तो मुस्लिम लोग भी सम्मलित होते हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र में जब गणेश उत्सव मनाया जाता है तो सभी धर्म के लोग इकट्ठा होते हैं.'
इस पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, ' मुझे लगता है कि शिवसेना अपने एजेंडे पर भी चल रही है और जब वक्त आता है तो शिवसेना कांग्रेस पार्टी के सामने झुकने का काम भी करती है.'
उन्होंने कहा कि शिवसेना एक बहुत बड़ी शक्ति है. बालासाहेब ठाकरे के माध्यम से शिवसेना ने एक बहुत बड़ी ताकत बनाई है लेकिन आज कल शिवसेना राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से डर रही है और वीर सावरकर को लेकर दोनों पार्टियों के बीच में मतभेद है.
शिवसेना का यह कहना है कि भाजपा ने पीडीपी से हाथ मिलाया था इस पर अठावले ने कहा,' मुझे लगता है कि हाथ मिलाया था लेकिन अभी हाथ झूट चुका है.'
उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या मामले पर महबूबा हो या मुस्लिम समाज के लोग हो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शांति बनाए रखी. कोर्ट के फैसले को उन्होंने सम्मान किया.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के लिए पांच एकड़ की जमीन देने को कहा है लेकिन मुझे लगता है कि 25 से 30 एकड़ जमीन मस्जिद के लिए देनी चाहिए. अगर राममंदिर के लिए 65 एकड़ की जमीन मिली तो मस्जिद के लिए भी 25 से 30 एकड़ जमीन मिलनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में राममंदिर की जगह पर बौद्ध मंदिर था. अगर वहां के अवशेष निकाला जाए तो वहां बौद्ध मंदिर के अवशेष पाएं जाएंगे. लेकिन मैं इस विवाद में पड़ना नहीं चाहता था क्योंकि हिंदू और मुस्लिमों का विवाद ही खत्म नहीं हो रहा था.