दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट का आह्वान, तांबे की पत्तियों का करें दान - Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra trust meeting

राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने बैठक में निर्णय लिया कि मन्दिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का उपयोग किया जाएगा. निर्माण हेतु 18 इंच लम्बी, 3 mm गहरी, 30 mm चौड़ी 10,000 पत्तियों की आवश्यकता होगी. तीर्थ क्षेत्र श्रीरामभक्तों का आह्वान करता है कि तांबे की पत्तियां दान करें. पढ़ें पूरी खबर...

-Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra trust meeting in delhi
राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट

By

Published : Aug 20, 2020, 1:55 PM IST

Updated : Aug 20, 2020, 3:24 PM IST

नई दिल्ली : राम मंदिर के भव्य निर्माण को लेकर राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की दिल्ली में बैठक चल रही है. बैठक में निर्णय लिया गया कि मन्दिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का उपयोग किया जाएगा. राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से यह जानकारी दी.

निर्माण हेतु 18 इंच लम्बी, 3mm गहरी, 30 mm चौड़ी 10,000 पत्तियों की आवश्यकता होगी. तीर्थ क्षेत्र श्रीरामभक्तों का आह्वान करता है कि तांबे की पत्तियां दान करें.

राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट का ट्वीट

इन तांबे की पत्तियों पर दानकर्ता अपने परिवार, क्षेत्र अथवा मंदिरों का नाम गुदवा सकते हैं. इस प्रकार से यह तांबे की पत्तियां न केवल देश की एकात्मता का अभूतपूर्व उदाहरण बनेंगी, अपितु मन्दिर निर्माण में सम्पूर्ण राष्ट्र के योगदान का प्रमाण भी देंगी.

बैठक में कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरी, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और अन्य सदस्य नृपेंद्र मिश्रा सुरेश भैयाजी जोशी और कुछ विश्व हिंदू परिषद के सदस्य बैठक का हिस्सा हैं. श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है और इंजीनियर अब स्थल पर मिट्टी का परीक्षण कर रहे हैं.

बता दें कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर 36 से 40 महीने में बनकर तैयार हो सकता है. मंदिर निर्माण में एक ग्राम भी लोहे का प्रयोग नहीं होगा. यह कहना है श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का.

मंदिर की आयु एक हजार वर्ष होगी

मंदिर की आयु कम से कम एक हजार वर्ष होगी. उन्होंने बताया कि लार्सन एंड टूब्रो कंपनी, आईआईटी के इंजीनियरों की तकनीकी सहायता भी निर्माण कार्य में ली जा रही है. मंदिर स्थल से मिले अवशेषों के श्रद्धालु दर्शन कर सके, ऐसी व्यवस्था भी की जा रही है.

हिंदुस्तान का खजाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे हिंदुस्तान का खजाना बता चुके हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को विहिप मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि मंदिर निर्माण में पत्थरों का उपयोग होगा.

पत्थरों की आयु के हिसाब से ही मंदिर की एक हजार वर्ष आयु का आकलन किया गया है. निर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो ने योग्यतम लोगों को अपने साथ जोड़ा है.

मिट्टी की ताकत नापने के लिए आईआईटी से सलाह

मिट्टी की ताकत नापने के लिए कंपनी ने आईआईटी चेन्नई की सलाह ली है. 60 मीटर गहराई तक की मिट्टी की जांच हुई. भूकंप आएगा तो यहां की जमीन की मिट्टी उन तरंगों को कितना झेल पाएगी, इन सब की जांच हुई है.

10,000 तांबे की पत्तियां चाहिए

उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण में एक ग्राम भी लोहे का प्रयोग नहीं होगा. राम मंदिर का एरिया करीब तीन एकड़ का होगा. मंदिर निर्माण में 10,000 तांबे की पत्तियां व रॉड भी चाहिए. इसके लिए दानियों को आगे आने की जरूरत है.

पढ़ें -बिना लोहे के तीन साल में बन कर तैयार होगा राम मंदिर : चंपत राय

चंपत राय ने कहा कि, सरकारी आंकड़ों के अनुसार हर साल दो करोड़ लोग अयोध्या दर्शन के लिए आते हैं. राम मंदिर बन जाने के बाद यह आंकड़ा काफी बढ़ जाएगा. इसलिए सरकार बस, रेल, हवाई जहाज आदि सुविधाओं के बारे में सोच रही है. हेलीकॉप्टर उतारने के लिए हवाई पट्टी भी बनेगी.

Last Updated : Aug 20, 2020, 3:24 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details