रायपुर: राजनीति के साथ-साथ अधिकतर नेताओं में दबंगई आ जाती है. जैसे ही कोई नेता ऊंचे सोपान पर पहुंचता जाता है उसमें उसका गुरूर आ जाता है, लेकिन छत्तीसगढ़ से राजनीति के साथ सरलता की मिसाल देखने को मिली है राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम के रूप में.
प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम खुद अपने खेतों में उतरकर धान की रोपाई कर रही हैं. यह नजारा किसी को भी प्रेरणा देने वाला है. बस्तर में मानसून ने दस्तक दे दी है और लगातार हो रही बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं. किसानों के चेहरे भी इसी के साथ खिल गए हैं और वह धान का रोपा लगाने में जुट गए हैं.
राज्यसभा सांसद और छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष फूलोदेवी नेताम में भी किसान का दिल बसता है. यही वजह है कि उन्होंने भी खेत में पहुंचकर धान की रोपाई शुरू कर दी. नेताम सांसद और प्रदेश में जनता की आवाज और समस्या को उठाने के बाद बचे समय में खेती करना नहीं भूलती हैं. उनकी सादगी के लोग कायल हैं.
फूलोदेवी नेताम ने खेत में किया काम स्वास्थ्य मंत्री ने की तारीफ
फूलोदेवी नेताम की तारीफ स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जमीन से जुड़ी पार्टी है.
कांग्रेस प्रवक्ता नितिन भंसाली ने बताया छत्तीसगढ़ के नेताओं में है सादगी
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता नितिन भंसाली ने भी राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम ने तारीफ की. उन्होंने कहा कि 'यह है छत्तीसगढ़ के नेताओं की सादगी. राज्यसभा सांसद और महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष बहन फूलोदेवी नेताम अपने गृह क्षेत्र बस्तर में खेत में रोपाई-जोताई का कार्य करते हुए'.
आलोर क्षेत्र में है फूलोदेवी का खेत
दरअसल छत्तीसगढ़ कोंडागांव के फरसगांव ब्लॉक के आलोर में सांसद फूलोदेवी का खेत है. बुधवार को हुई झमाझम बारिश के बाद फूलोदेवी नेताम अपने खेत में उतरकर धान का रोपा लगाने लगी. जिसे देख ग्रामीण भी काफी खुश नजर आए.
कोरोना महामारी से दुनिया में छाई बेरोजगारी
राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम अपने सीधे और सरल व्यवहार के लिए जानी जाती हैं और लोग उन्हें बेहद पसंद करते हैं. खेत में उतरीं राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम का कहना है कि कोरोना महामारी में पूरी दुनिया में बेरोजगारी छाई है. सभी किसानों ने इन दिनों अपने-अपने खेत में बुआई करना शुरू कर दिया है. वह कहती हैं कि वह किसान की बेटी-बहू हैं और इसलिए हर साल की तरह इस साल भी समय निकालकर अपने खेत में रोपा लगाने आई हैं. उनका कहना है कि वे बचपन से ही अपने माता-पिता के साथ खेत में काम करती आई हैं.
पढ़े : कर्नाटक का मौसम इतना भाया की कृषि गतिविधियों में हो गए व्यस्त
खेत पहुंचकर किसानों का बढ़ाया मनोबल
बता दें कि छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है और सबसे अधिक धान का उत्पादन भी इसी राज्य में होता है. ऐसे में राज्यसभा सांसद का खेत में रोपा लगाना निश्चित ही किसानों का मनोबल बढ़ाता है.