दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

राज्यसभा के पास स्वामी, स्वपन दासगुप्ता और मैरी कॉम की संपत्ति का विवरण नहीं

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी, पत्रकार स्वपन दासगुप्ता और पांच बार की विश्व मुक्केबाजी चैंपियन एम.सी. मैरी कॉम राज्यसभा के नौ नामित सदस्यों में से हैं जिनकी संपत्ति का विवरण के राज्यसभा के पास उपलब्ध नहीं है. सूचना के अधिकार के तहत दायर याचिका से हुआ खुलासा.

asset details of RS members
फाइल फोटो

By

Published : Jun 4, 2020, 10:52 PM IST

नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी, पत्रकार स्वपन दासगुप्ता और पांच बार की विश्व मुक्केबाजी चैंपियन एम.सी. मैरी कॉम राज्यसभा के नौ नामित सदस्यों में से हैं, जिनकी संपत्ति और देनदारियों का विवरण सदन के पास उपलब्ध नहीं है. अन्य नामित सदस्यों में रूपा गांगुली, सोनल मानसिंह, रघुनाथ महापात्रा, राम शकल, राकेश सिन्हा और मलयालम अभिनेता सुरेश गोपी हैं.

साकेत गोखले ने सूचना के अधिकार के तहत एक याचिका दायर की थी. इसी के तहत राज्यसभा की आचार समिति के जवाब में यह खुलासा हुआ. 25 मई को दिए गए जवाब में, उच्च सदन के आरटीआई सेल ने कहा कि आवेदक ने जो जानकारी मांगी है यह उच्च सदन के पास उपलब्ध नहीं है. आवेदक ने जिन सदस्यों के नाम लिए हैं वह सभी भारत के राष्ट्रपति द्वारा नामित किए गए हैं.

राज्यसभा के सदस्यों के नियम के तहत केवल निर्वाचित सदस्य ही अपनी संपत्ति और देनदारियों, अपने पति या पत्नी या आश्रित बच्चों की संपत्ति की घोषणा करने के लिए उत्तरदाई होते हैं.

65 वर्षीय दासगुप्ता एक प्रसिद्ध पत्रकार हैं और उन्हें 2015 में पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. गोपी एक लोकप्रिय एक्शन हीरो हैं, और अभिनेत्री गांगुली बीआर चोपड़ा की टेलीविजन सीरीज महाभारत में द्रौपदी के अभिनय के लिए जानी जाती हैं.

सोनल मानसिंह एक प्रसिद्ध भरतनाट्यम और ओडिसी डांसर हैं और महापात्र ओडिशा के एक वास्तुकार और मूर्तिकार हैं. सिन्हा एक लेखक और दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर और वरिष्ठ राजनीतिज्ञ हैं.

37 वर्षीय मैरी कोम के नामांकन का उद्देश्य मणिपुर में सरकार की छवि को बेहतर बनाना था. जबकि अन्य भाजपा के समर्थक या सदस्य रहे हैं.

81 वर्षीय स्वामी, 1974-76 में राज्यसभा के जनसंघ के सदस्य थे. आपातकाल के दौरान सदन से अयोग्य घोषित किए जाने के कारण उनका छह साल का कार्यकाल कम हो गया था. राज्यसभा में उनका दूसरा कार्यकाल 1988 से 1994 तक था. वह तीन बार लोकसभा के सदस्य भी रहे हैं. वह स्वामी चंद्र शेखर सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. स्वामी 2जी मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक थे. वह एक बार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी सलाहकार थे लेकिन पिछले डेढ़ दशक में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के तीखे आलोचक रहे हैं. वह 2013 में भाजपा में शामिल हुए थे.

पढ़ें-कोरोना काल के बाद भारत-जापान के द्विपक्षीय संबंधों का महत्व

ABOUT THE AUTHOR

...view details