नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पश्चिमी सीमा पर भारत का विरोधी भविष्य में किसी भी तरह का 'दुस्साहस' करने से पहले 100 बार सोचेगा. सिंह ने पाकिस्तान का नाम लिये बगैर कहा कि पुलवामा हमले के बाद भारत ने जिस तरह बालाकोट हवाई हमले की तर्ज पर एक 'अलग' प्रतिक्रिया दी उससे सीमापार स्थित हमारे विरोधियों को कई सिद्धांतों को नए सिरे से लिखने पर मजबूर होना पड़ा.
पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (केरिपुब) के 40 जवानों की हत्या के बाद भारतीय वायुसेना के विमानों ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकी प्रशिक्षण शिविरों पर बमबारी की थी.
इससे पहले 29 सितंबर 2016 को सेना ने उरी में सैन्य ठिकाने पर हुए आतंकी हमले के जवाब में जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार कई आतंकी लॉन्च पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी.
सिंह ने बालाकोट हवाई हमले को सैन्य सटीकता और प्रभाव की एक विलक्षण घटना बताते हुए कहा कि आतंकवाद के विरूद्ध हमारा दृष्टिकोण नैदानिक सैन्य कार्रवाई और परिपक्व तथा जिम्मेदार राजनयिक पहुंच का न्यायोचित संयोजन था. उन्होंने देश को आश्वस्त किया कि सरकार भविष्य में भी राष्ट्र सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे का माकूल जवाब देगी.
उन्होंने कहा कि सरकार ने भविष्य की किसी चुनौती से निपटने के लिये व्यापक ढांचागत बदलाव शुरू किये हैं और इस व्यवस्था के पूरी तरह संचालन में आने में कुछ वक्त लगेगा.
रक्षा मंत्री ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया ने देश की रक्षा क्षमताओं और आतंकवाद के खिलाफ आत्मरक्षा के उसके अधिकार को पुष्ट किया.