रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार किसानों का फायदा पहुंचाने के लिए 'राजीव गांधी किसान न्याय योजना' लॉन्च करने जा रही है. यह योजना इसलिए शुरू की जा रही है, जिससे किसानों को मदद और उनकी उपज की सही कीमत मिल सके. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस योजना को देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि यानी 21 मई को लॉन्च करने जा रहे हैं. यह योजना वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लॉन्च की जाएगी. दिल्ली से कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे.
'राजीव गांधी किसान न्याय योजना' का एलान भूपेश सरकार ने बजट के दौरान किया था. योजना की लॉन्चिंग में मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के मंत्री, जनप्रतिनिधि और किसान वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होंगे. इससे प्रदेश के 19 लाख किसानों को 5700 करोड़ रुपए की राशि चार किस्तों में सीधे उनके खातों में दी जाएगी. कह सकते हैं कि इस योजना से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा.
राजीव गांधी किसान न्याय योजना. क्या है राजीव गांधी किसान न्याय योजना
- योजना के तहत किसानों को कई तरह से राहत देने की कोशिश की जाएगी.
- लॉकडाउन जैसे संकट के समय में किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत 900 करोड़ की राशि उनके खातों में भेजी गई है.
- खरीफ 2019 में पंजीकृत एवं उपार्जित रकबे के आधार पर धान, मक्का और गन्ना (रबी) फसल के लिए 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से डीबीटी के माध्यम से किसानों को आदान सहायता अनुदान की राशि उनके खातों में भेजी जाएगी.
- खरीफ 2020 से आने वाले साल के लिए धान, मक्का, गन्ना, दलहन-तिलहन फसल के पंजीकृत या अधिसूचित रकबे के आधार पर निर्धारित राशि प्रति एकड़ की दर से किसानों को कृषि आदान सहायता अनुदान दिया जाएगा.
- अनुदान लेने वाला किसान ने अगर पिछले साल धान की फसल लगाई थी और इस साल धान के स्थान पर योजना के तहत शामिल अन्य फसल लगाते हैं, तो उस स्थिति में किसानों को प्रति एकड़ अतिरिक्त सहायता अनुदान देने का निर्णय लिया गया है.
किसानों को मिलेगी कितनी राशि
- 2019 से धान तथा मक्का लगाने वाले किसानों को सहकारी समिति के माध्यम से उपार्जित मात्रा के आधार पर अधिकतम 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से अनुपातिक रूप से आदान सहायता राशि दी जाएगी.
- इस योजना में धान फसल के लिए 18 लाख 34 हजार 834 किसानों को प्रथम किस्त में 1500 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी.
- गन्ना फसल के लिए पेराई साल 2019-20 में सहकारी कारखाना द्वारा क्रय किए गए गन्ना की मात्रा के आधार पर एफआरपी राशि 261 रुपए प्रति क्विंटल दी जाएगी. प्रोत्साहन एवं आदान सहायता राशि 93.75 रुपए प्रति क्विंटल दी जाएगी. अधिकतम 355 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाएगा.
- प्रदेश के 34 हजार 637 किसानों को 73 करोड़ 55 लाख रुपए चार किश्तों में दिया जाएगा. जिसमें से प्रथम किश्त 18 करोड़ 43 लाख रुपए 21 मई को ट्रांसफर की जाएगी.
- 2018-19 में सहकारी शक्कर कारखानों के माध्यम से खरीदे गए गन्ना की मात्रा के आधार पर 50 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बकाया बोनस भी प्रदान करने जा रही है. इसके तहत प्रदेश के 24 हजार 414 किसानों को 10 करोड़ 27 लाख रुपए दिया जाएगा.
- कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि 'राज्य में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और कृषि आदान सहायता के लिए ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘ शुरू की जा रही है.
- इस योजना के तहत किसानों को धान के समर्थन मूल्य 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की बची हुई राशि दी जाएगी, जो कि 6 सौ 85 रुपए प्रति क्विंटल है
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किसानों को पहुंचाई गई राहत
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गतिशील और मजबूत बनाने के लिए लॉकडाउन जैसे संकट के समय में किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत 900 करोड़ की राशि उनके खातों में अंतरित की गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा इसके पहले लगभग 18 लाख किसानों का 8800 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया गया है. इसके साथ ही कृषि भूमि अर्जन पर चार गुना मुआवजा, सिंचाई कर माफी जैसे कदम उठाकर किसानों को राहत पहुंचाई गई है.
बता दें भूपेश बघेल सरकार ने किसानों से 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदी का वादा किया था. लेकिन केंद्र सरकार से समर्थन मूल्य को लेकर हुए विवाद के बाद राज्य सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर पाई थी. इसके लिए एक समिति का गठन भी किया गया था. भाजपा और कांग्रेस ने एक-दूसरे पर किसानों से छल का आरोप लगाया था.