कोलकाता: केंद्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारियों को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है. कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार ने उनके समन की अनदेखी की है. राजीव ने सीबीआई से उनके समक्ष पेश होने के लिए और समय मांगा है.
दरअसल, सीबीआई ने राजीव कुमार को शारदा चिटफंड मामले में समन जारी कर सोमवार को पेश होने का निर्देश दिया था. अधिकारियों ने बताया कि राजीव ने खुद पेश न होकर एक पत्र भेजा है. पत्र में राजीव ने शारदा चिटफंड घोटाला मामले में पेश होने के लिए और समय की मांग की है.
राजीव कुमार की पेशी से जुड़ी सूचना सीआईडी के एक अधिकारी ने सॉल्ट लेक स्थित सीबीआई कार्यालय में राजीव कुमार का पत्र पहुंचाया. पत्र में राजीव ने लिखा है कि वे तीन दिनों के अवकाश पर हैं, ऐसे में वे पेश होने में असमर्थ हैं.
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि सीबीआई अधिकारी बारासात कोर्ट में थे. इसका मकसद राजीव कुमार को पेशी से बचने का उपाय करने से रोका जाना था.
घर से भी गायब मिले राजीव कुमार
इससे पहले रविवार शाम कुछ सीबीआई अधिकारी राजीव कुमार के घर भी पहुंचे. राजीव के घर से नदारद होने के कारण सीबीआई ने उन्हें सॉल्ट लेक कार्यालय में पेश होने का समन जारी किया था.
राज्य सरकार ने CID में बहाल किया
गौरतलब है कि रविवार रात लोकसभा चुनाव-2019 के लिए लागू आदर्श आचार संहिता खत्म हो गई. इसके बाद पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार ने राजीव कुमार को सीआईडी के महानिदेशक के पद पर दोबारा बहाल कर दिया.
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लुकआउट सर्कुलर
इससे पहले शनिवार को राजीव कुमार के खिलाफ सीबीआई ने लुकआउट नोटिस भी जारी किया था. इसका मकसद उन्हें देश छोड़कर जाने से रोकना था.
क्या चाहती है सीबीआई
सीबीआई राजीव कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है. इसका कारण है कि राजीव कुमार ने सारदा चिटफंड मामले की शुरुआती जांच की है. राजीव कुमार इस घोटाले की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेसिटिगेशन टीम (SIT) के प्रमुख थे. बाद में इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया.
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शिलांग में हो चुकी है पूछताछ
सीबीआई इससे पहले राजीव कुमार से शिलांग कार्यालय में पूछताछ कर चुकी है. सीबीआई ने राजीव कुमार पर सहयोग न करने का भी आरोप लगाया है. सारदा चिटफंड केस में पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार पर सबूत नष्ट करने का आरोप है. राजीव कुमार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाते हैं. उनके खिलाफ हुई कार्रवाई को ममता ने असंवैधानिक करार देते हुए धरना भी दिया था.
राजीव कुमार और ममता बनर्जी (फाइल फोटो) ये भी पढ़ें: सारदा घोटाला: ममता के 'चहेते' पुलिस अधिकारी को झटका, गिरफ्तारी से रोक हटी
बता दें कि इससे पहले भी राजीव कुमार सुप्रीम कोर्ट से राहत की अपील कर चुके हैं. हालांकि, पिछले दिनों एक आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सात दिनों की मोहलत देते हुए सीबीआई के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुआई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 17 मई को राजीव कुमार को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करने वाला पांच फरवरी का आदेश वापस ले लिया था.
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क्या है सारदा चिटफंड घोटाला
सारदा चिटफंड पॉन्जी स्कीम घोटाला 2500 करोड़ रुपये से ज्यादा का बताया जाता है. जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल की सारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज ने निवेशकों को ऊंची दरों पर पैसे वापस मिलने का प्रलोभन दिया था. बाद में लाखों लोगों के पैसे डूब गए.