जयपुरः जम्मू-कश्मीर में आतंकियों द्वारा राजस्थान के एक ट्रक चालक की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. ट्रक चालक शरीफ खान के परिवार वालों और ग्रामीणों ने उसका शव लेने से इनकार कर दिया. वे लोग भरतपुर के रहने वाले हैं.
शरीफ खान के गांव वालों ने कहा कि उनके परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए. उन्होंने कहा कि शरीफ को सरकार शहीद का दर्जा दे.
आपको बता दें कि शरीफ का साथी इकराम खान, जो वहां से बचकर भाग निकला था, उसने पूरा घटनाक्रम बताया. उन्होंने कहा, 'हम खाना खाकर ट्रक में सोने गए, तभी वहां दो आतंकी आये और उन्होंने शरीफ और मुझे पकड़ लिया. इसके बाद मैं किसी तरह वहां से भाग निकला और एक किसान के घर में छुपकर अपनी जान बचाई.'
शरीफ का साथी इकराम खान ने पूरा घटनाक्रम बताया इकराम ने आगे बताया कि आतंकवादियों ने वहां से सेब लोड करने से साफ मनाही की थी. वे जबरन शरीफ को पकड़ कर ले गए और उसकी गोली मारकर हत्या करने के बाद ट्रक में आग लगा दी.
शव लेने से ग्रामीणों ने किया इनकार पढ़ें-शोपियां में आतंकियों ने ट्रक ड्राइवर की गोली मारकर हत्या की, सर्च ऑपरेशन जारी
आपको बता दें कि मंगलवार देर रात शरीफ खान का शव उसके गांव पहुंचा. गांव वालों द्वारा शव को लिए जाने से इनकार करने का बाद उसे मुर्दाघर में रखवा दिया गया है. हांलाकि सुबह होने के बाद भी गांव वाले शव लेने को तैयार नहीं हैं.
शव लेने से इंनकार कर रहे परिजन व ग्रामीण पांच मांगों पर अड़े हुए हैं. उनकी पांच मांगे हैं-
- मृतक के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए.
- 50 लाख रुपये नकद मुआवजा दिया जाए.
- मृतक के परिवार के लिए सारी सरकारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं.
- शरीफ खान को शहीद का दर्जा दिया जाए.
- मृतक शरीफ खान के नाम पर शहीद स्थल बनाया जाए.
दरअसल राजस्थान के भरतपुर जिले के पहाड़ी थाना क्षेत्र के गांव उभाका का निवासी 40 वर्षीय शरीफ खान एक ट्रक ड्राइवर था. विगत सोमवार को जम्मू-कश्मीर के सोपियां में सेब की लोडिंग करने गया था जहां आतंकवादियों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और समय-समय पर घाटी में आतंकी वारदात को अंजाम देता आ रहा है.