दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

राजस्थान : गो-तस्करी रोकने के लिए पुलिस कच्चे रास्तों पर करेगी नाकेबंदी - गो रक्षक चौकी अलवर

राजस्थान में गो-तस्करी के लगातार बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार और पुलिस विभाग ने अलवर और भरतपुर जिलों में गो रक्षक चौकी खोली है. लेकिन चौकियां खुलने के बाद गो तस्करों ने तस्करी का तरीका ही बदल दिया. अब वे कच्चे रास्तों से तस्करी करते हैं. इसे देखते हुए पुलिस ने नया प्लान तैयार किया है और कच्चे रास्तों पर स्थाई चेक पोस्ट लगाए जा रहे हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

rajasthan
rajasthanrajasthan

By

Published : Feb 8, 2021, 9:43 PM IST

अलवर :देश में सबसे ज्यादा गो-तस्करी के मामले राजस्थान के अलवर जिले से सामने आते हैं. जिले में गो-तस्करों की मॉब लिंचिंग से जुड़ी आठ घटनाएं हो चुकी हैं. इसमें पांच गो तस्कर मारे जा चुके हैं. इसके अलावा गो तस्करों और पुलिस के बीच मुठभेड़ और फायरिंग की घटनाएं भी सामने आई हैं.

गो-तस्करी रोकने के लिए पुलिस कच्चे रास्तों पर करेगी नाकेबंदी

अलवर जिले की सीमा उत्तर प्रदेश व हरियाणा राज्यों से लगती है. इसलिए अलवर जिले से हरियाणा व उत्तर प्रदेश में आना-जाना आसान है. मुख्य रास्तों के अलावा कई कच्चे रास्ते भी अलवर के आसपास के पड़ोसी राज्य व शहरों को जोड़ते हैं. अलवर जिले से आसानी से गो तस्कर व अन्य लोग 15 से 20 मिनट में हरियाणा या उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश कर सकते हैं. इसलिए गो-तस्करी के अलवर में सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं.

पुलिस की नई कार्य योजना
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, अब स्थाई चौकियों के अलावा चौकी का स्टाफ कच्चे रास्तों व अन्य जगहों पर चेक पोस्ट लगाकर वाहनों की जांच पड़ताल करेंगे. इसके तहत वाहनों की चेकिंग के अलावा कार्रवाई भी की जाएगी.

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अलवर में सबसे ज्यादा गो तस्करी रामगढ़, तिजारा, भिवाड़ी, नीमराना, गोविंदगढ़, नौगांवा सहित आसपास क्षेत्र में होती है. ऐसे में सभी जगहों पर चलती फिरती चौकी शुरू की जाएंगी. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि गो-तस्करी रोकने के लगातार प्रयास जारी है.

अलवर में तीन गो रक्षक चौकियां
साल नवंबर 2017 में भाजपा के कार्यकाल के दौरान अलवर और भरतपुर जिलों में 14 गोरक्षा चौकी व थाने खोले गए. राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य बना, जहां गोरक्षा के लिए पुलिस चौकी खोली गई थी. हरियाणा से सटे अलवर और भरतपुर जिलों के मेवात इलाकों में सबसे ज्यादा गो-तस्करी की घटनाएं होती हैं.

पुलिस की ओर से अलवर व भरतपुर जिले में गोरक्षा चौकियां स्थापित की गईं, लेकिन यह गोरक्षा चौकी गो-तस्करी रोकने में नाकाम साबित हो रही हैं, क्योंकि तस्करों ने नए रास्ते खोज लिए हैं.

यह है तस्करी का नया तरीका
पुलिस की तरफ से मोबाइल पार्टी लगाकर गोविंदगढ़, बड़ौदा में रामगढ़ हाईवे पर गश्त कराई जा रही है. साथ ही, लोगों को समझाइश करने का काम भी लगातार चल रहा है. अलवर में लग्जरी गाड़ियों में गो-तस्करी होती है. इसके अलावा महिलाएं गो-तस्करी के मामले में सामने आ चुकी हैं.

हाल ही में पुलिस ने जयपुर पुलिस लाइन में तैनात एक कांस्टेबल को गो-तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया. ऐसे में साफ है कि अलवर जिले में कई तरीके से गो-तस्करी का खेल चल रहा है.

यह भी पढ़ें-किसानों के प्रदर्शन पर ट्वीट के संबंध में जांच : फडणवीस ने महाराष्ट्र सरकार पर साधा निशाना

आए दिन आते हैं मामले
अलवर जिले में गो-तस्करी के हर साल 100 से अधिक मामले सामने आते हैं. जबकि, बड़ी संख्या में गायों को मुक्त कराया जाता है. तस्करों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया भी की जाती है. हाल ही में पुलिस की एक रिपोर्ट में सामने आया कि राजस्थान में सबसे ज्यादा गो-तस्करी की घटनाएं अलवर जिले में होती हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details