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विधानसभा सत्र को लेकर साफ नहीं हो पा रही स्थिति, दांव-पेच जारी - rajasthan politics

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Published : Jul 27, 2020, 8:17 AM IST

Updated : Jul 27, 2020, 6:02 PM IST

18:01 July 27

16:32 July 27

सत्र से पहले 21 दिनों का समय चाहिए : राज्यपाल

राजस्थान में विधानसभा सत्र को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पा रही है. एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जहां 31 जुलाई को विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर राज्यपाल ने सरकार से कुछ सवाल पूछे हैं. राज्यपाल ने कहा कि क्योंकि सरकार ने उनके द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए हैं, लिहाजा बातचीत आगे नहीं बढ़ रही है. 

राजस्थान के राज्यपाल ने राज्य सरकार से तीन स्पष्टीकरण मांगे हैं. पहला - सत्र बुलाए जाने के लिए कम से कम 21 दिनों का समय चाहिए. दूसरा- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करें. तीसरा- अगर विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया जाता है, तो कुछ शर्तों का पालन करना अनिवार्य हो. 

15:43 July 27

राजस्थान में विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राजभवन से आदेश जारी

राजस्थान में विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राजभवन से आदेश जारी

राजस्थान में विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राजभवन से आदेश जारी किया गया है. राजभवन के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने यह सूचना जारी की है. हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. ऐसे में राजस्थान विधानसभा के सत्र को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं.

14:11 July 27

बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ याचिका खारिज

राज्यपाल हटाने को लेकर हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका. भाजपा विधायक की उस याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती दी थी. 

13:28 July 27

सीएम का बयान

मैंने राज्यपाल के बर्ताव को लेकर पीएम मोदी से बात की- गहलोत

  • राजस्थान के सीएम ने होटल के अंदर बयान किया जारी
  • धरने के दौरान कही ये बात
  • कहा- राज्यपाल के बर्ताव से पीएम को कराया अवगत
  • सात दिन पहले जो पत्र लिखा था उसके बारे में भी पीएम को बताया

13:24 July 27

बसपा मामले में सुनवाई शुरू

बसपा मामले में सुनवाई शुरू

  • बसपा विधायकों के विलय मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू
  • जस्टिस महेंद्र गोयल कर रहे सुनवाई
  • भाजपा विधायक मदन दिलावर की याचिका पर हो रही सुनवाई
  • बसपा की याचिका पर सुनवाई 2 बजे रखी
  • AAG बताएं स्पीकर ने याचिका को तय किया या नही
  • याचिकाकर्ता मदन दिलावर की ओर से वीसी के जरिए हरीश साल्वे ने रखा पक्ष

12:07 July 27

राज्यपाल ने सरकार से पूछे सवाल

राज्यपाल कलराज मिश्रा ने कहा कि विधानसभा सत्र बुलाने पर सभी विधायकों को बुलाना संभव नहीं हो सकेगा. उन्होंने कुछ सवाल भी पूछे हैं.

क्या 21 दिनों के नोटिस पर विचार किया जा सकता है. 

क्या इस सत्र में विश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा. 

11:35 July 27

हाईकोर्ट पहुंची बसपा, कांग्रेस के साथ मर्जर के खिलाफ लगाई याचिका

बसपा ने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस के साथ हुए अपने छह विधायकों के मर्जर के खिलाफ याचिका लगाई है. 

भारतीय जनता पार्टी विधायक मदन दिलावर की याचिका में बसपा ने पक्षकार बनाने की मांग की है. भाजपा विधायक ने बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती दी है. इसमें स्पीकर, सचिव और सभी बसपा विधायकों को पक्षकार बनाया गया है.  

ये विधायक हैं जोगेंद्र सिंह अवाना, संदीप कुमार, राजेंद्र सिंह गुढ़ा, दीपचंद खेड़िया, वाजिब अली और लखन सिंह.  

11:08 July 27

स्पीकर ने वापस ली याचिका

विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली. कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी. 

स्पीकर के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हाईकोर्ट ने 24 जुलाई को नया आदेश पारित किया है. जिसके अनुसार 10वीं अनुसूची को लेकर कुछ अलग तरीके से व्याख्या की गई है.  

सिब्बल ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद वे इसे सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं.

10:27 July 27

बसपा ने जारी किया व्हीप

बसपा ने व्हीप जारी कर अपने 6 विधायकों को कांग्रेस के खिलाफ वोट करने को कहा. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इसे संवैधानिक संकट बताया है. उन्होंने कहा कि इस मामले पर अब या तो हाईकोर्ट फैसला ले सकती है, या फिर राज्यपाल. क्योंकि कांग्रेस का दावा है कि उसने बसपा विधायकों को पार्टी में मिला लिया है. 

10:14 July 27

कांग्रेस के खिलाफ हाईकोर्ट जा सकती है बसपा

बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय का मामला. बसपा हाईकोर्ट जाएगी.

भाजपा विधायक मदन दिलावर की याचिका पर भी सुनवाई आज

दिलावर ने बसपा विधायकों के विलय मामले में ही लगाई थी याचिका

09:57 July 27

विधानसभा सत्र बुलाए जाने का प्रस्ताव राज्यपाल ने लौटाया

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाए जाने वाले पत्र का जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि अभी ऐसा संभव नहीं है. उन्होंने प्रस्ताव को लौटा दिया है. 

08:54 July 27

6 विधायकों के कांग्रेस में विलय मामले में हाईकोर्ट जाएगी बसपा, BJP विधायक की याचिका पर भी सुनवाई आज

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जयपुर.  बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने वाले 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय मामले में आज बसपा हाईकोर्ट का रुख करेगी. वहीं, इसी मामले में भाजपा विधायक मदन दिलावर की याचिका पर भी सुनवाई होगी.  

भाजपा विधायक मदन दिलावर की ओर से बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ स्पीकर के समक्ष दायर उनकी शिकायत याचिका में 4 माह से कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. दिलावर की याचिका पर आज हाईकोर्ट न्यायाधीश महेंद्र गोयल सुनवाई करेंगे. वहीं, इसी मामले में बहुजन समाज पार्टी भी आज हाईकोर्ट में एक याचिका पेश करेगी.  

याचिका में दिलावर ने विधानसभा स्पीकर, सचिव और सीपी जोशी सहित बसपा के 6 विधायकों को पक्षकार बनाया है. दिलावर के अधिवक्ता मनीष आशीष शर्मा ने बताया कि याचिका में कहा गया कि प्रार्थी ने स्पीकर के यहां चार माह पहले मार्च 2020 में बसपा विधायक लखन सिंह, राजेंद्र सिंह गुढा, दीपचंद, जोगेंद्र सिंह अवाना, संदीप कुमार और वाजिब अली के कांग्रेस में विलय के खिलाफ शिकायत की थी.  

इसके साथ ही स्पीकर से आग्रह किया था कि इन विधायकों को दल बदल कानून के तहत राजस्थान विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करें. लेकिन स्पीकर ने उनकी शिकायत पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. इसलिए अदालत को निर्देश दे कि वे उनके समक्ष प्रार्थी शिकायत याचिका का जल्दी निस्तारण करें.  

बसपा भी जाएगी हाईकोर्ट

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के महासचिव सतीश मिश्रा ने रविवार को राजस्थान में उन सभी 6 विधायकों को व्हिप जारी कर कांग्रेस सरकार की ओर से लाए जाने वाले विश्वास मत के खिलाफ वोट करने को कहा है, जिनका विलय लगभग एक साल पूर्व ही कांग्रेस में हो चुका है.  

कांग्रेस में विलय होने के बाद इन विधायकों पर व्हिप लागू होता है या नहीं यह अब कानूनी विषय बन गया है. बसपा ने अपनी पार्टी के सभी विधायकों के कांग्रेस में विलय के संबंध में राजस्थान हाईकोर्ट जाने का ऐलान कर दिया है.  

विधानसभा अध्यक्ष के मंजूरी के निर्णय के खिलाफ बसपा आज राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करेगी. इसकी पुष्टि बसपा के प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ईटीवी भारत के साथ फोन पर हुई बातचीत में की है.  

06:56 July 27

राजस्थान लाइव-

जयपुर/नई दिल्ली. राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से स्पीकर जोशी को निर्देशित करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी पर आज (सोमवार) सुनवाई होगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई को सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

बीते बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अरुण मिश्रा की खंडपीठ ने इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को तय की थी. अदालत ने यह भी कहा था कि 24 जुलाई को राजस्थान हाईकोर्ट जो भी आदेश देगा वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन रहेगा.

गौरतलब है कि स्पीकर सीपी जोशी ने सचिन पायलट सहित 19 बागी विधायकों को व्हिप का उल्लंघन करने पर नोटिस जारी किया था. जिसे सचिन पायलट गुट ने राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका लगाई थी. इस याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने 21 जुलाई की सुनवाई में स्पीकर से 24 जुलाई तक विधायकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आग्रह किया था. जिसे सीपी जोशी ने अपने संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन मानते हुए सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी.

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सुप्रीम कोर्ट में 23 जुलाई की सुनवाई

बीते बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मामले में विस्तृत सुनवाई की जरूरत है. जिस पर स्पीकर के वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि अगर विस्तृत सुनवाई चाहते हैं तो हाईकोर्ट में चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दीजिए.

वहीं, सचिन पायलट गुट के वकील हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने कहा कि हाईकोर्ट को अपना फैसला करना चाहिए. हाईकोर्ट में स्पीकर ने दो बार सुनवाई टालने का आग्रह किया था. ऐसे में क्या अब 24 घंटे और इंतजार नहीं किया जा सकता. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई सोमवार तक टालते हुए कहा है कि मामले में हाईकोर्ट की ओर से 24 जुलाई को दिया जाने वाला आदेश एसएलपी के निर्णय के अधीन रहेगा.

24 जुलाई को राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला

24 जुलाई को राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट सहित सभी बागी 19 विधायकों को राहत देते हुए विधानसभा स्पीकर की ओर से जारी नोटिस पर यथास्थिति के आदेश दे दिए. इसके साथ ही अदालत ने मामले में केंद्र सरकार को पक्षकार बना लिया है.

इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि संविधान की अनुसूची 10 के पैरा 2 का उल्लंघन सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों पर लागू नहीं होता है, इस संबंध में कोर्ट सुनवाई नहीं करेगा. हालांकि अदालत ने स्पष्ट किया है कि पैरा दो के प्रावधान संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है या नहीं इस पर कोर्ट भविष्य में सुनवाई करेगा.

केन्द्र सरकार को भी बनाया पक्षकार

बीते शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सचिन पायलट ग्रुप के अधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने का प्रार्थना पत्र पेश किया है. इस पर कोर्ट ने पक्षकारों को पूछा कि उन्हें इस संबंध में कोई आपत्ति है या नहीं. पक्षकारों की ओर से आपत्ति नहीं जताने पर अदालत ने केंद्र सरकार को पक्षकार बना लिया. अदालत ने मामले में यथा स्थिति के आदेश देते हुए पक्षकारों को कहा कि जब मामले में पीलिंडिंग कंप्लीट हो जाए तो जल्द सुनवाई का प्रार्थना पत्र पेश कर मामले की सुनवाई शुरू करवा सकते हैं.

Last Updated : Jul 27, 2020, 6:02 PM IST

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