जयपुर/नई दिल्ली. राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से स्पीकर जोशी को निर्देशित करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी पर आज (सोमवार) सुनवाई होगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई को सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
बीते बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अरुण मिश्रा की खंडपीठ ने इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को तय की थी. अदालत ने यह भी कहा था कि 24 जुलाई को राजस्थान हाईकोर्ट जो भी आदेश देगा वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन रहेगा.
गौरतलब है कि स्पीकर सीपी जोशी ने सचिन पायलट सहित 19 बागी विधायकों को व्हिप का उल्लंघन करने पर नोटिस जारी किया था. जिसे सचिन पायलट गुट ने राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका लगाई थी. इस याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने 21 जुलाई की सुनवाई में स्पीकर से 24 जुलाई तक विधायकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आग्रह किया था. जिसे सीपी जोशी ने अपने संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन मानते हुए सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी.
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सुप्रीम कोर्ट में 23 जुलाई की सुनवाई
बीते बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मामले में विस्तृत सुनवाई की जरूरत है. जिस पर स्पीकर के वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि अगर विस्तृत सुनवाई चाहते हैं तो हाईकोर्ट में चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दीजिए.
वहीं, सचिन पायलट गुट के वकील हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने कहा कि हाईकोर्ट को अपना फैसला करना चाहिए. हाईकोर्ट में स्पीकर ने दो बार सुनवाई टालने का आग्रह किया था. ऐसे में क्या अब 24 घंटे और इंतजार नहीं किया जा सकता. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई सोमवार तक टालते हुए कहा है कि मामले में हाईकोर्ट की ओर से 24 जुलाई को दिया जाने वाला आदेश एसएलपी के निर्णय के अधीन रहेगा.
24 जुलाई को राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला
24 जुलाई को राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट सहित सभी बागी 19 विधायकों को राहत देते हुए विधानसभा स्पीकर की ओर से जारी नोटिस पर यथास्थिति के आदेश दे दिए. इसके साथ ही अदालत ने मामले में केंद्र सरकार को पक्षकार बना लिया है.
इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि संविधान की अनुसूची 10 के पैरा 2 का उल्लंघन सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों पर लागू नहीं होता है, इस संबंध में कोर्ट सुनवाई नहीं करेगा. हालांकि अदालत ने स्पष्ट किया है कि पैरा दो के प्रावधान संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है या नहीं इस पर कोर्ट भविष्य में सुनवाई करेगा.
केन्द्र सरकार को भी बनाया पक्षकार
बीते शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सचिन पायलट ग्रुप के अधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने का प्रार्थना पत्र पेश किया है. इस पर कोर्ट ने पक्षकारों को पूछा कि उन्हें इस संबंध में कोई आपत्ति है या नहीं. पक्षकारों की ओर से आपत्ति नहीं जताने पर अदालत ने केंद्र सरकार को पक्षकार बना लिया. अदालत ने मामले में यथा स्थिति के आदेश देते हुए पक्षकारों को कहा कि जब मामले में पीलिंडिंग कंप्लीट हो जाए तो जल्द सुनवाई का प्रार्थना पत्र पेश कर मामले की सुनवाई शुरू करवा सकते हैं.