बाड़मेर :मोहब्बत में बदनामी की डर की सजा इतनी भयानक होगी, शायद ना ही गेमराराम को मालूम था, ना ही उनके बुजुर्ग माता-पिता को. यह दर्दभरी दास्तां भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे गांव बीजराड़ में रहने वाले गेमराराम के परिवार की है, जो पिछले ढाई महीने से पाकिस्तान की जेल में कैद अपने बेटे गेमराराम की रिहाई की गुहार लगा रहा है. बेटे के इंतजार में परिवार का रो रोकर बुरा हाल है.
दरअसल, 5 नवंबर को गेमराराम अपनी प्रेमिका से मिलने उसके घर गया था. इसी दौरान प्रेमिका के घर वालों ने उसे देख लिया और उसके बाद उसे यह डर सता रहा था कि कोई उसे मार ना दे या उसके घरवालों की बदनामी ना हो, बस इसी डर के चलते वह तारबंदी पार कर सरहद के उस पार पाकिस्तान पहुंच गया.
बेटे को वापस हिंदुस्तान लाया जाए
अब बुजुर्ग मां-बाप मोदी सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उनके बेटे को वापस हिंदुस्तान लाया जाए, फिर यहां आने के बाद सरकार उसे जो भी सजा दे उन्हें मंजूर है. लेकिन, किसी भी हालत में उसे पाकिस्तानी जेल से रिहा करवाया जाए. पाकिस्तानी जेल में बंद गेमराराम की बुजुर्ग मां अंकु देवी रूदन आवाज में बताती हैं कि उसका बेटा 4 नवंबर की रात को सो रहा था. सुबह जब देखा तो घर से गायब मिला. उसके बाद कोई जानकारी नहीं थी. 15 नवंबर को बीएसएफ ने बताया कि वह पाकिस्तान चला गया है. परिवार का कहना है कि उसके बाद से ही वह लगातार पुलिस और प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं.