पुणे : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने केंद्र सरकार की मंशा के विपरीत कहा कि गैर-कानूनी रूप से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर भारत में बसे प्रवासियों को 'उठाकर बाहर फेंक' दिया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश पर अनावश्यक बोझ हैं.
यहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'ये प्रवासी आते हैं और देशभर में फैल जाते हैं. राज्यों को उनका बोझ सहना पड़ता है. वे स्थानीय युवाओं की नौकरियां छीन लेते हैं. ऐसे प्रवासी चाहे जहां भी हों, उन्हें देश से बाहर कर दिया जाना चाहिए.'
एक तरफ जहां प्रवसी शरणार्थियोंको नागरिक दस्तावेज सौंपा जा रहा है, वहीं राज ठाकरे ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर तंज कसा.
ठाकरे ने कहा, 'यह खेल खेलने के लिए मैं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को बधाई देता हूं. एक ही कदम (सीएए-एनआरसी) से देश में उभरे आर्थिक संकट से लोगों का ध्यान हट गया. वाह, क्या कमाल खेला!'
उन्होंने मांग करते हुए पूछा कि 135 करोड़ लोगों वाले देश में क्या सच में बाहर से लोगों को लाने की जरूरत थी? या फिर भारत शरणार्थियों के लिए एक धर्मशाला बन चुका है.