नई दिल्ली : रेलवे डीजल इंजनों को विद्युत इंजनों में तब्दील करने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना पर पुनर्विचार कर रही है. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी. के. यादव ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी और कहा कि इस योजना के नफा-नुकसान का पता लगाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है.
गौरतलब है कि रेलवे ने 2018 में घोषणा की थी कि वह डीजल इंजन के समूचे बेड़े को उनके नवीनीकरण में आने वाली आधी से भी कम लागत में विद्युत इंजन में तब्दील करने के एक ‘मास्टर प्लान’ पर काम कर रही है.
पिछले साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में इस तरह से रूपांतरित किए गए प्रथम रेल इंजन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था, जिसे रेलवे ने 'डीजल इंजन से विद्युत इंजन में तब्दील किया गया दुनिया का पहला रेल इंजन' बताया था.
यादव ने कहा, 'हमने इस बारे में पता लगाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है कि क्या डीजल इंजनों को (विद्युत इंजनों में) तब्दील करना आर्थिक एवं तकनीकी रूप से की जाने वाली सर्वाधिक व्यवहार्य चीज होगी.' समिति के 15 अगस्त तक रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा, 'जिन डीजल इंजनों को विद्युत इंजनों में तब्दील किया गया है, वे बहुत पुराने हैं और करीब पांच-छह साल ही उपयोग में लाये जा सकते थे. उन्हें तब्दील किये जाने पर उन्हें और पांच-दस साल उपयोग में लाया जा सकेगा.'