नई दिल्ली : रेलवे ने 55 हजार करोड़ के घाटे की भरपाई के लिए यात्री किराए में बढ़ोतरी की है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में रेल किराए में चार पैसे प्रति किमी की मामूली बढ़ोतरी किए जाने को यात्री सेवाओं को बेहतर करने की दलील देते हुये जायज ठहराया है.
उन्होंने बताया कि यात्री किराए में एक जनवरी से मामूली बढ़ोतरी से रेल यात्री सुविधाओं पर होने वाले व्यय के कारण रेलवे के 55 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की महज पांच प्रतिशत भरपायी हो सकेगी. उन्होंने बताया कि 2004 में यह घाटा आठ हजार करोड़ रुपये था, अब यह बढ़कर 55 हजार करोड़ रुपये हो गया है.
गोयल ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी.
गोयल ने बताया कि यात्री किराए को युक्तिसंगत बनाने के लिये साधारण श्रेणी के किराए में एक पैसा प्रति किमी की मामूली वृद्धि के अलावा मेल एक्सप्रेस गाड़ियों के गैर वातानुकूलित श्रेणी में दो पैसा और वातानुकूलित श्रेणी में चार पैसा प्रति किमी की दर से वृद्धि की गयी है.
उन्होंने कहा कि उपनगरीय यात्री किराए में कोई वृद्धि नहीं की गयी है. यात्रियों की कुल संख्या में उपनगरीय श्रेणी के यात्रियों की हिस्सेदारी 66 प्रतिशत है, इसलिये दैनिक यात्रियों पर किराए बढ़ोतरी का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
रेल तंत्र में व्यापक बदलाव, खासकर मंत्रालय के विभिन्न विभागों के विलय से जुड़े एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में गोयल ने कहा कि रेल महकमे में सौ साल से चली आ रही कार्यप्रणाली को समय के अनुरुप बनाने के लिये विभिन्न विभागों का सभी संबद्ध पक्षकारों की सर्वानुमति से विलय करने का फैसला किया गया है.
उन्होंने बताया कि पिछले साल 24 दिसंबर को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आठ रेलवे बोर्ड को घटाकर पांच करने और रेलवे के विभिन्न कैडर एवं विभागों का एक इकाई में विलय करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी.
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गोयल ने बताया कि व्यवस्थागत बदलाव की इस प्रक्रिया को रेलवे के लगभग 1000 अधिकारियों की सहमति और व्यापक विचार विमर्श के आधार पर अंजाम दिया जा रहा है. इस मामले में किसी भी प्रकार की चिंता या सुझाव पर विचार करने के लिये सचिवों और मंत्रिसमूह की मौजूदगी वाली एक समिति गठित की गयी है.