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कोरोना काल में रेलवे ने 1400 करोड़ रुपये कमाने का बनाया प्लान

ऑल इंडिया रेलवे मेन फेडरेशन ने रेलवे की वित्तीय हालत में सुधार के लिए मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में पेंट्री कार को थर्ड एसी कोच में बदलने का सुझाव दिया है. इस पर रेलवे के प्रवक्ता डीजे नारायण ने कहा कि रेलवे बोर्ड द्वारा पेंट्री कारों को हटाने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों से पेंट्री कार सेवाएं को किया जा सकता है बंद
मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों से पेंट्री कार सेवाएं को किया जा सकता है बंद

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Published : Oct 21, 2020, 10:46 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय रेलवे तकरीबन 300 ट्रेनों से पेंट्री कार सेवाओं को हटा सकती है और उन्हें एसीसीएन (3AC) कोच में बदला जा सकता है. इसका मूल उद्देश्य कोरोना महामारी के इस दौर में अधिक राजस्व कमाना है.

एक अधिकारी के अनुसार, रेलवे लंबी दूरी की मेल/एक्सप्रेस, सुपरफास्ट और प्रीमियर ट्रेनों में पेंट्री कारों को बदलने की योजना बना रहा है, जिससे 1400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त करने में मदद मिल सकती है.

कोरोना के प्रकोप के चलते रेलवे ने अस्थाई रूप से पेंट्री सेवाओं को बंद कर दिया था, जिसके बाद मंत्रालय को इसे स्थाई कदम बनाने और रेलवे स्टेशनों पर आईआरसीटीसी (IRCTC) के बेस किचन पर निर्भर रहने के लिए विभिन्न सुझाव दिए जा रहे थे.

ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन (AIRF) ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र भी लिखा था, जिसमें उन्हें मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में पेंट्री कार को थर्ड एसी कोच में बदलने का सुझाव दिया है. इसका उद्देश्य कोरोना महामारी के बीच राजस्व सृजन को बेहतर बनाना है.

पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में कई मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें एक पेंट्री कार के साथ चल रही हैं. इस पेंट्री कार को एक एसीसीएन (3AC) कोच द्वारा बदला जा सकता है, और यात्रियों की खानपान आवश्यकताओं को प्रमुख स्टेशनों पर पूरा किया जा सकता है, जहां यह ट्रेनें रुकती हैं.

साथ ही सुझाव दिया गया है कि भोजन आदि की आवश्यकता को ई-बुकिंग के माध्यम से सुगम बनाया जा सकता है और ऑर्डर की तैयारी बड़े स्टेशनों पर स्थित बेस किचन में की जा सकती है. इसमें कैटरिंग स्टाफ भी कम लगेंगे. इससे न केवल खर्च में बचत होगी, बल्कि रेलवे की आमदनी भी बढ़ेगी.

गोयल ने रेलवे बोर्ड और सभी जोन को सुझावों की समीक्षा करने के साथ-साथ इसे लागू करने के तरीके भी पूछे थे. पत्र को सभी जोनल रेलवे को भेजा गया था, जिसके बाद इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए समीक्षा बैठकें आयोजित की जा रही हैं.

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इस मामले के बारे में पूछे जाने पर रेलवे के प्रवक्ता डीजे नारायण ने जवाब दिया कि रेलवे बोर्ड द्वारा पेंट्री कारों को हटाने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इन निर्णयों पर लगातार समीक्षा की जा रही है.

उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान पेंट्री कारों को निलंबित कर दिया गया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वायरस पेंट्री और भोजन परोसने आदि के कारण न फैल सके. हम लोगों को अधिक विकल्प देने के लिए काम कर रहे हैं, चाहे स्टेशन पर या ट्रेन में.

इसके अलावा, रेलवे ने कोरोना के प्रसार के साथ-साथ अतिरिक्त खर्चों में कटौती करने पर अंकुश लगाने के लिए कंबल, बेडशीट, तकिया और हाथ तौलिए सहित लिनन सेट की सेवाओं को भी निलंबित कर दिया था.

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