नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का एक इंटरव्यू सुर्खियों में है, जिसमें उन्होंने एक गैर-गांधी को पार्टी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने के विचार का समर्थन किया. कांग्रेस ने बुधवार को खुलासा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के दूसरे कार्यकाल में उन्होंने राहुल गांधी को उनकी जगह लेने का ऑफर दिया था, जिसे राहुल ने अस्वीकर कर दिया था.
एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद, शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने अस्वस्थ होने के कारण इस्तीफा देने की बात की थी, लेकिन राहुल गांधी ने उनसे कहा कि वह पीएम बने रहें और अपने कार्यकाल को पूरा करें.
गोहिल ने बताया कि नरसिम्हा राव ने सभी सांसदों के साथ मिलकर सोनिया गांधी से पीएम बनने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि उनके बच्चे छोटे हैं. उन्होंने (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) यूपीए के पहले कार्यकाल में पीएम पद के लिए डॉ. मनमोहन सिंह को चुना था. वहीं दूसरे कार्यकाल में मनमोहन के स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने पीएम की बागडोर राहुल गांधी को सौंपने का निर्णय लिया, लेकिन राहुल ने इनकार कर दिया.
2014 के लोकसभा चुनावों से ठीक दो साल पहले गांधी को यह प्रस्ताव दिया गया था, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लगा कि कांग्रेस को पार्टी का कायाकल्प करने के लिए एक नए चेहरे के साथ चुनाव में जाने की जरूरत है. तब केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने भी मीडिया के सामने कहा था कि कांग्रेस के लिए यह पीएम चेहरा घोषित करने का समय है. यह बयान एक किताब 'इंडिया टुमॉरो: कन्वर्सेशन विद द नेक्स्ट जनरेशन ऑफ पॉलिटिकल लीडर्स' में किया गया है. जिसके लेखक हरीश शाह और प्रदीप छिब्बर हैं