नई दिल्ली: राहुल गांधी अपने फैसले पर अड़े हुए हैं. गुरुवार को उन्होंने साफ कर दिया कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर कोई फैसला नहीं करेंगे. पार्टी जिसे चाहे, उसे बनाए. उनकी कोई भूमिका नहीं होगी.
गांधी से जब मीडियाकर्मियों ने सवाल किया कि कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा, तो उन्होंने कहा कि वह अपने उत्तराधिकारी पर निर्णय लेने वाले नहीं हैं. यह पार्टी तय करेगी उनका उत्तराधिकारी कौन होगा.
बता दें कि राहुल लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद लगातार कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ने पर अड़े हुए हैं. लेकिन, कांग्रेस के सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) ने इस्तीफे की उनकी पेशकश को खारिज कर दिया है और उनसे सभी स्तरों पर पार्टी का पुनर्गठन करने को कहा है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत से अनबन पर CM गहलोत के बेटे वैभव ने कहा है कि पार्टी समीक्षा कर रही है कि राजस्थान में इतनी बड़ी हार क्यों हुई. उन्होंने बताया कि राहुल गांधी उनके पिता से नाराज हैं, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के संबोधन में राफेल के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने एक बार फिर दोहराया कि राफेल एयर क्राफ्ट डील में चोरी हुई थी.
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उन्होंने सदन के बाहर भी मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं अभी भी इस बात पर कायम हूं कि राफेल जेट डील में चोरी हुई थी. उन्होंने कहा कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है और इस सौदे की पूरी जांच होनी चाहिए.
सार्वजनिक मंच पर कांग्रेस के प्रवक्ता इस बात को मानने को तैयार नहीं कि राहुल कांग्रेस अध्यक्ष नहीं है. लेकिन संसद में गुरुवार को राहुल ने साफ कर दिया कि कांग्रेस का नया अध्यक्ष होगा और इस चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे. राहुल ने साफ कहा कि चयन प्रक्रिया में उनके शामिल होने से जटिलता आएगी.
माना जा रहा है कि राहुल की हताशा का कारण यह है कि उनके कोर टीम के सदस्य या तो चुनाव में हार गए या फिर कांग्रेस के रणनीतिकारों की रणनीति के कारण से बाहर कर दिए गए. सूत्रों के मुताबिक राहुल राजस्थान में सचिन पायलट को और मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे. लेकिन उनकी एक नहीं चली .
23 मई को चुनाव परिणाम आने से एक दिन पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों के बीच कहा था कि कल के बाद मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे. कांग्रेस सरकार में आ रही है.
राहुल गांधी के आस-पास माहौल बना दिया गया था कि कांग्रेस सत्ता में आ रही है. जब चुनाव परिणाम आए राहुल एकदम से हताश हो गए. हताशा ज्यादा इसलिए भी क्योंकि अब पारंपरिक सीट अमेठी से चुनाव हार गए.
राहुल अपनी बात पर अडिग नजर आ रहे हैं. ऐसे में पार्टी के लिए नया अध्यक्ष चुना मुश्किल हो रहा है. किसी एक पर आम सहमति तब तक मुश्किल रह रहा है जब तक उस पर गांधी परिवार के सदस्य सोनिया गांधी या राहुल गांधी मुहर नहीं लगा देते.
सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी ने साफ कर दिया है कि ना तो प्रियंका राहुल की जगह लेंगे ना ही वे राहुल को मनाने की जिद करेंगे. ऐसे में सर्वसम्मति से कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला होना मुश्किल लग रहा है.
बता दें कि कांग्रेस पहले ही केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC ) से लड़ाकू जेट सौदे में कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए याचिका दायर कर चुकी है.
हालांकि, सरकार इस मामले पर भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोपों से इनकार करती आई है.