दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

राहत पैकेज की दोबारा समीक्षा करें पीएम मोदी : राहुल गांधी

राहुल गांधी ने लॉकडाउन को लेकर मोदी सरकार पर फिर से हमला बोला. उन्होंने कहा कि सड़क पर चलने वाले प्रवासी मजदूरों को कर्ज नहीं पैसे की जरूरत है. बच्चा जब रोता है तो मां उसे लोन नहीं देती, उसे चुप कराने का उपाय निकालती है, उसे ट्रीट देती है. सरकार को साहूकार नहीं, मां की तरह व्यवहार करना होगा. और क्या कुछ कहा राहुल ने, जानें विस्तार से.

rahul gandhi
राहुल गांधी

By

Published : May 16, 2020, 12:17 PM IST

Updated : May 16, 2020, 1:56 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि देश के किसान और मजदूर कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण हताशा से घिरे हुए हैं. उन्होंने पीएम मोदी से राहत पैकेज की दोबारा समीक्षा करने की अपील की है. गौरतलब है कि पीएम मोदी ने गत 12 मई को 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का एलान किया था.

बिंदुवार पढ़ें राहुल गांधी की बातें-

सरकार लोगों को बच्चों की तरह ऋणदाता की तरह पैसा नहीं देना चाहिए बल्कि गरीबों के खातों में पैसा डालना चाहिए.

पीएम नरेंद्र मोदी को अपने घोषित पैकेज पर पुन: विचार करना चाहिए और गरीबों को उनकी जरूरत के मुताबिक पैसा दिया जाना चाहिए.

अगर आने वाले वक्त में मांग नहीं बढ़ी तो आर्थिक रुप से देश को बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा.

मीडिया से संवाद करते राहुल गांधी

राहुल ने कहा कि लोगों के खाताों में सीधे पैसे डालें क्योंकि इस वक्त उन्हें कर्ज की नहीं, बल्कि सीधी आर्थिक मदद की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को लॉकडाउन को समझदारी एवं सावधानी के साथ खोलने की जरूरत है और बुजुर्गों एवं गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

राहुल ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, 'जो पैकेज होना चाहिए था वो कर्ज का पैकेज नहीं होना चाहिए था. इसको लेकर मेरी निराशा है. आज किसानों, मजदूरों और गरीबों के खाते में सीधे पैसे डालने की जरूरत है.'

उन्होंने कहा, 'आप (सरकार) कर्ज दीजिए, लेकिन भारत माता को अपने बच्चों के साथ साहूकार का काम नहीं करना चाहिए, सीधे उनकी जेब में पैसे देना चाहिए. इस वक्त गरीबों, किसानों और मजदूरों को कर्ज की जरूरत नहीं, पैसे की जरूरत है.'

कांग्रेस नेता ने कहा, 'मैं विनती करता हूं कि नरेंद्र मोदी जी को पैकेज पर पुनर्विचार करना चाहिए. किसानों और मजदूरों को सीधे पैसे देने के बारे में सोचिए.'

उन्होंने कहा, 'मैंने सुना है कि पैसे नहीं देने का कारण रेटिंग है. कहा जा रहा है कि वित्तीय घाटा बढ़ जाएगा तो बाहर की एजेंसियां हमारे देश की रेटिंग कम कर देंगी. हमारी रेटिंग मजदूर, किसान, छोटे कारोबारी बनाते हैं. इसलिए रेटिंग के बारे में मत सोचिए, उन्हें पैसा दीजिए.'

राहुल के मुताबिक लॉकडाउन खोलते समय समझदारी और सावधानी की जरूरत है. हमें इसे ध्यान से हटाना है. हमारे बुजुर्गों, हृदय, फेफड़े और किडनी के रोग से ग्रसित लोगों की रक्षा करनी चाहिए.

Last Updated : May 16, 2020, 1:56 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details