चंडीगढ़ :कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पंजाब में खेती बचाओ यात्रा के तहत ट्रैक्टर रैली निकाली. रैली में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पार्टी के राज्य प्रमुख सुनील जाखड़ भी मौजूद रहे. इस दौरान राहुल गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ट्रैक्टर पर बैठकर निकले. आज रैली का पहला दिन है. यह रैली तीन दिवसीय है.
राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली. इससे पहले राहुल गांधी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब का किसान, हरियाणा का किसान, पूरे हिन्दुस्तान का किसान एक इंच पीछे नहीं हटेगा. हम नरेंद्र मोदी सरकार के कानूनों के खिलाफ लड़ेंगे और हम मोदी सरकार को हरा कर दिखाएंगे.
इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट कर यह जानकारी दी . उन्होंने बताया कि यह रैली आज से शुरू होकर तीन दिन तक चलेगी. रैली में ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जाएगा.
'हम किसानों के साथ हैं'
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी द्वारा पंजाब से शुरू 'खेती बचाओ यात्रा' में शामिल होने पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वोट बैंक के लिए की जाने वाली रैली पर सवाल पूछे जाने पर जवाब देते हुए कहा कि यह सब भाजपा का दुष्प्रचार है. हम किसानों के साथ हैं और हम किसानों के साथ अपनी एकजुटता जाहिर करना चाहते हैं.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट कर बताया कि राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैलियों के कार्यक्रम में बदलाव हुआ है, अब यह चार, पांच और छह अक्टूबर को होंगी. बाकी (कार्यक्रम) वही रहेगा. सामूहिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला की योजना बनाई गई है जो पंजाब से शुरू होगी और बाद में दिल्ली पहुंचेगी. शुरुआत में ट्रैक्टरों का उपयोग करके रैलियों और रोड शो के माध्यम से तीन दिवसीय कार्यक्रम की योजना बनाई गई है.
बताया जा रहा है कि पंजाब सीएम अमरिंदर सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत और सभी मंत्री समेत पार्टी विधायक 'किसानों के गुस्से और पीड़ा को आवाज देने के लिए विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे, जिनका आजीविका केंद्रीय कानूनों के चलते दांव पर लग गई है.'
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी जिस ट्रैक्टर को चलाएंगे, उसमें राहुल गांधी के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह सहित कई बड़े नेता बैठेंगे, इस पर ही सिद्धू को भी बैठाने की कोशिश रहेगी ताकि सिद्धू को वापस पार्टी में सक्रिय किया जा सके.
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा हम किसानों के साथ हैं मंच से समारोह को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा मैं यूपी में था जहां एक बेटी की मौत हो गई थी. उसकी हत्या करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिस परिवार की बेटी की मौत हुई, उनके घर में ताला लगा हुआ है. डीएम और सीएम ने उन्हें धमकी दी. भारत में ऐसी स्थिति है. अपराधी के लिए कुछ नहीं होता है, लेकिन पीड़ित के खिलाफ कार्रवाई की जाती है.
वहीं कृषि कानूनों के विरोध में राहुल गांधी ने कहा कि कोविड 19 के बीच इन कानूनों को लागू करने की क्या आवश्यकता थी? जल्दबाजी क्या थी? अगर आपको लागू करना था तो आपको लोकसभा-राज्यसभा में चर्चा करनी चाहिए थी. पीएम का कहना है कि किसानों के लिए कानून बनाए जा रहे हैं. अगर ऐसा है, तो आपने सदन में खुलकर चर्चा क्यों नहीं की गई.
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मोगा में कांग्रेस की 'खेती बचाओ यात्रा' में कहा कि जब तक संसद में पारित कानूनों को एमएसपी अनिवार्य करने के लिए संशोधन नहीं किया जाता है, तब तक उनके वादों का कोई फायदा नहीं है.
हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ
राहुल गांधी एक जनसभा को संबोधित करेंगे और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन (सेवानिवृत्त) अमरिंदर सिंह और राज्य के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बधनी कलां, जिला मोगा में हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ करेंगे. राहुल गांधी बाद में बथनी कलां से जटपुरा तक एक 'ट्रैक्टर यात्रा' का नेतृत्व करेंगे और इस दिन का समापन जाटपुरा, लुधियाना में एक जनसभा को संबोधित करके करेंगे.
50 किमी से अधिक की दूरी तय करेगी रैली
पंजाब कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा था कि ट्रैक्टर रैलियों का किसान संगठनों द्वारा समर्थन किये जाने की उम्मीद है जो तीन दिन के दौरान 50 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी.
कैथल और पिपली में छह अक्टूबर को रैली
प्रवक्ता ने कहा था कि रैलियां तीनों दिन पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होगी और इसका आयोजन सख्त कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ होगा. राहुल गांधी द्वारा हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में कैथल और पिपली में पांच अक्टूबर की बजाय छह अक्टूबर को रैलियों को संबोधित करने की उम्मीद है जिसके बाद वह दिल्ली लौट जाएंगे.
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कृषि कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था
किसानों ने आशंका जतायी है कि केंद्र के कृषि कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था को ध्वस्त करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे और उन्हें बड़ी कंपनियों के 'रहमों करम' पर छोड़ देंगे.
राष्ट्रपति से मिली मंजूरी
संसद ने हाल में किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध और कृषि सेवाएं विधेयक 2020 समेत आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किये हैं. इन्हें राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल गई है.
आंदोलन की योजना
कांग्रेस ने इन कानूनों को किसान विरोधी करार दिया है और पार्टी ने किसान समुदाय तक पहुंचने के लिए देश भर में एक महीने के आंदोलन की योजना बनाई है. जबकि कुछ कार्यक्रमों को 24 सितंबर को लॉन्च किया गया था, वे 14 नवंबर को समाप्त होने वाले हैं. विरोध का समापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को देश भर के दो करोड़ किसानों के एक ज्ञापन और हस्ताक्षर सौंपने के माध्यम से किया जाता है.