नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोरोना वायरस संकट के चलते वैश्विक व्यवस्था के नए सिरे से आकार लेने की संभावना पर अमेरिका के पूर्व उप विदेश मंत्री निकोलस बर्न्स से बातचीत की है, जिसका वीडियो आज विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जारी किया.
राहुल ने पूछा कि लॉकडाउन के दौरान कैम्ब्रिज में हालात कैसे हैं. इस पर निकोलस ने कहा कि भारत की तरह हम भी लॉकडाउन में हैं. दोनों देशों में संकट है.
नस्लीय भेद को लेकर हो रहे विरोध को लेकर राहुल ने पूछा कि अमेरिका में ऐसे हालात क्यों हैं? इस सवाल पर निकोलस बर्न्स ने कहा कि गुलाम लोगों के साथ पहला जहाज 1619 में यहां आया था. उन्होंने कहा कि अमेरिका की स्थापना के समय से ही अफ्रीकी अमेरिकी लोगों के साथ नस्ल और दुर्व्यवहार की समस्या थी.
निकोलस ने कहा कि लोगों को दास प्रथा के खिलाफ लड़ी गई उनकी लड़ाई के बारे में सोचना चाहिए. पिछले 100 वर्षों के हमारे सबसे महान अमेरिकी मार्टिन लूथर किंग जूनियर हैं. उन्होंने शांति पूर्ण और अहिंसक लड़ाई लड़ी. उनके आध्यात्मिक आदर्श महात्मा गांधी थे. उन्होंने कहा कि गांधी की तरह मार्टिन लूथर किंग अमेरिका को एक बेहतर देश बनाना चाहते थे. उन्होंने कहा कि हमने एक अफ्रीकी-अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को चुना, जिनका मैं काफी सम्मान करता हूं. अब नस्लभेद फिर से वापस आता दिख रहा है.
आप देखिए कि मिनिपॉलिस, मिनेसोटा में पुलिस द्वारा अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों के साथ जो किया गया वह भयावह है. युवा जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या कर दी गई. उन्होंने कहा कि लाखों अमेरिकी शांतिपूर्ण विरोध करने की कोशिश कर रहे हैं.
राहुल ने जब पूछा कि क्या आपको लगता है कि अमेरिका और भारत दोनों देशों में दिक्कतें हैं. क्योंकि दोनों ही सहिष्णु देश हैं. दूसरे के विचारों का सम्मान किया जाता है. इस पर बर्न्स ने कहा कि देखिए, अमेरिका के कई शहरों में आज विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. यह लोकतंत्र की ताकत है. यह चीन जैसे देशों में संभव नहीं है. हम अच्छी स्थिति में हैं. लोकतंत्र भारत में भी है. भारत को लंबी लड़ाई के बाद आजादी मिली. हमें उम्मीद करनी चाहिए कि दोनों ही देशों में लोकतंत्र मजबूत होगा.