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मोदी के साथ नहीं जाएंगे मायावती, ममता, अखिलेश और नायडू: राहुल - mamata banerjee

लोकसभा चुनाव अंतिम चरण के लिए प्रचार खत्म होने के मौके पर राहुल ने कहा कि मैं इसका सम्मान करता हूं कि सपा और बसपा ने अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया. उत्तर प्रदेश में हमने प्रियंका गांधी एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया से कहा था कि हमारी पहली प्राथमिकता यह है कि भाजपा हारे.

राहुल गांधी

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Published : May 18, 2019, 12:08 AM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस लोकसभा चुनाव में संप्रग एवं दूसरी धर्मनिरपेक्ष पाटियों के अधिकतर सीटें जीतने की उम्मीद जताई. राहुल ने दावा किया कि बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा मुखिया अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और तेदेपा अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू चुनाव के बाद भाजपा के साथ नहीं जाएंगे.

उनके इस बयान को चुनाव बाद गठबंधन की संभावना के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दरअसल, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस और तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) इस चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन में नहीं हैं.

गांधी ने यह भी कहा, 'चुनाव बाद सरकार गठन के प्रयासों में संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी के अनुभव का फायदा उठाया जाएगा. हमारी पहली प्राथमिकता यह है कि भाजपा हारे. दूसरी प्राथमिकता यह कि हमारी विचारधारा आगे बढ़ते और तीसरा प्राथमिकता यह है कि अगला विधानसभा चुनाव हम जीतें.'

उन्होंने कहा, 'परंतु वैचारिक रूप से सपा, बसपा और हम समान हैं. मुझे नहीं लगता कि मायावती, अखिलेश जी, ममता बनर्जी जी या (तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू) नायडू भाजपा अथवा नरेंद्र मोदी का समर्थन करेंगे.'

कांग्रेस अध्यक्ष ने यह दावा भी किया कि इस चुनाव में धर्मनिरपेक्ष पार्टियां अधिकतर सीटें जीतेंगी.

यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस का प्रदर्शन का क्या रहने वाला है तो गांधी ने कहा कि वह मतदाताओं के फैसले के बारे में कुछ नहीं कहेंगे.

प्रधानमंत्री पद के सवाल पर गांधी ने कहा, 'मैं कई बार स्पष्ट रूप से कह चुका हूं कि 23 मई को जनता जो भी फैसला करेगी, हम उसे मानेंगे. उससे पहले कुछ नहीं कहेंगे.'

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कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, 'हमने नरेंद्र मोदी के लिए 90 फीसदी दरवाजे बंद कर दिए हैं, विरोधियों को गाली देकर उन्होंने खुद ही अपने 10 फीसदी रास्ते बंद कर दिए. हमने प्रभावी ढंग से जनता के मुद्दे उठाए.'

उन्होंने कहा, 'कांग्रेस पार्टी ने मजबूती से विपक्ष की भूमिका निभाई. हमने मोदी की भ्रष्टाचार-विरोधी सच्चाई की पोल खोली. आज सारे देश में 'चौकीदार चोर है' का नारा लग रहा है. हमने प्रभावी ढंग से जनता के मुद्दे उठाए. मोदी जी के पास असीमित धनबल, मार्केटिंग, टीवी प्रचार था; हमारे पास सिर्फ 'सच्चाई' थी और सच्चाई जीतेगी. '

गांधी ने कहा, 'मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि हमने मोदी और भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ी और हमारे संस्थानों की रक्षा की. यही हमारा मूल कर्तव्य है.'

प्रधानमंत्री के पांच वर्षों के कार्यों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'विपक्ष के नेता के तौर पर मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी बेरोजगारी की समस्या को दूर करते, किसानों के संकट का समाधान करते. लेकिन वह विफल रहे. अब उनके पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है. अब वह ध्यान भटका रहे हैं.'

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उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, 'सोनिया गांधी जी और मनमोहन सिंह जी के पास बहुत अनुभव है. मैं नरेंद्र मोदी नहीं हूँ कि अनुभवी लोगों को दरकिनार कर दूं. हम सोनिया जी के अनुभव का फायदा उठाएंगे.'

गांधी ने कहा, '3-4 मुद्दों पर ये चुनाव हुआ है. बेरोजगारी, किसानों की हालत, राफेल हवाई जहाज भ्रष्टाचार, अर्थव्यवस्था की हालत, नोटबंदी, गब्बर सिंह टैक्स प्रमुख मुद्दे रहे. प्रधानमंत्री मोदी ने इन मुद्दों पर जवाब ही नहीं दिया.'

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