नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने आर्थिक मंदी और क्षेत्रीय आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) जैसे मुद्दों को लेकर अगले पखवारे केंद्र सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन करने का फैसला किया है, लेकिन इसके पहले ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी विदेश रवाना हो गये हैं.
हालांकि राहुल की यात्रा को पार्टी 'योग-ध्यान की यात्रा' करार दे रही है, जहां वह 'समय-समय पर' जाते हैं. कांग्रेस का साथ ही यह भी कहना है कि राहुल गांधी या सोनिया गांधी में किसी को भी पार्टी के राज्यवार या जिलेवार विरोध प्रदर्शन में भाग लेने नहीं जाना है.
बता दें कि राहुल की यह अनुपस्थिति उस समय हो रही है, जब पार्टी को देशभर में नियोजित विरोध के दौरान नेतृत्व की आवश्यकता होगी. इससे पहले भी राहुल गांधी हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के दौरान देश से बाहर चले गये थे. उस दौरान पार्टी के अन्य नेता दोनों राज्यों के चुनाव प्रचार में व्यस्त थे.
प्रेस वार्ता के दौरान रणदीप सुरजेवाला इसे भी पढ़ें - मोदी सरकार की MSP से भाकियू नाखुश, RCEP के विरोध में देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी
कांग्रेस ने किया बचाव
राहुल गांधी के विदेश दौरे के बारे में चर्चा करते हुए कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि वह समय-समय पर 'ध्यान की यात्रा' पर जाते हैं. इस समय भी वह ऐसी ही यात्रा पर गये हैं.
सुरजेवाला ने हालांकि यह भी कहा कि सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का पूरा कार्यक्रम उनके निर्देशों के अनुसार ही तैयार किया गया है और उनके साथ विचार-विमर्श के बाद तय हुआ है. उन्होंने विभिन्न मुद्दों और अपने निर्णय के माध्यम से पार्टी का मार्गदर्शन किया है. इस कार्यक्रम के लिए वह बैठक में भी मौजूद थे.
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दिल्ली की रैली में हो सकते हैं शामिल
सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी एक सप्ताह के लिए विदेशी दौरे पर गये हैं. वह नवम्बर के पहले सप्ताह में भारत लौटेंगे. इसके बाद वह दिल्ली में पार्टी की रैली में शामिल हो सकते हैं, जो आंदोलन कार्यक्रम की योजना है. इस प्रमुख रैली में अन्य विपक्षी दलों को भी आमंत्रित किया गया है.
इस बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी आंदोलन कार्यक्रम के बारे में चर्चा करने के लिए पार्टी के सभी महासचिवों के साथ बैठक करने जा रही हैं. देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति को लेकर पार्टी 5 से 15 नवम्बर तक यह विरोध प्रदर्शन करने वाली है.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी बयान के अनुसार, यह विरोध प्रदर्शन जिलों और राज्यों की राजधानियों में आयोजित किया जाएगा. इसका समापन राष्ट्रीय राजधानी में एक विशाल रैली के साथ होगा.
उल्लेखनीय है कि पहले यह कार्यक्रम 15 से 25 अक्टूबर के बीच निर्धारित किया गया था, लेकिन विधानसभा चुनाव के कारण इसे स्थगित किया गया.