लखनऊ: दुष्कर्म के आरोप से घिरे बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद मामले में भारतीय जनता पार्टी ने चुप्पी साधी हुई है. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी में स्वामी चिन्मयानंद का मददगार आखिर कौन है. पार्टी के अंदर से ही नेता तमाम तरह की बात कर रहे हैं. आखिर इतने गंभीर आरोप लगने के बावजूद भाजपा या योगी आदित्यनाथ सरकार इस पर बचाव की मुद्रा में क्यों बनी हुई है. इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी की फजीहत भी हो चुकी है.
बीजेपी के कुछ नेता आपसी बातचीत में यह तर्क देते हैं कि स्वामी चिन्मयानंद के महंत अवैद्यनाथ के करीबी होने के कारण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी अच्छे रिश्ते हैं. सीएम बनने के बाद वह स्वामी के आश्रम भी गए थे. अब जब एक बार स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ उनके ही कॉलेज की छात्रा के द्वारा दुष्कर्म के आरोप लगाए गए हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की रफ्तार सुस्त होने को लेकर सवाल उठना लाजमी है. स्वामी चिन्मयानंद के बीजेपी के नेताओं से करीबी रिश्ते होने का उन्हें लाभ मिल रहा है.
खास बात यह भी है कि उन्नाव से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के प्रकरण पर भी भारतीय जनता पार्टी असमंजस की स्थिति में रही. जब हाईकोर्ट की तरफ से सख्ती बरती गई तब कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकाला गया था. भारतीय जनता पार्टी अपने लोगों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर असमंजस में हमेशा नजर आई और बचाव करती हुई साफ-साफ दिख रही थी. अब यही पूरा मामला स्वामी चिन्मयानंद पर भी है कि आखिर उन्हें कौन बचा रहा है.
यह बचाव करने की बात नहीं है, कानून अपना काम कर रहा है. कुछ लोगों ने कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप लगाए थे, पार्टी ने उन्हें निकाल दिया था और इस प्रकरण पर भी कानून अपना काम कर रहा है.
-अशोक पांडेय, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा