नई दिल्ली : हाथरस मामले पर भाजपा ने चुप्पी साध रखी है, जिस तरह से हाथरस मामले पर गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने मार्च कर गिरफ्तारियां दी. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस मामले में जिस तरह जबरन रात के अंधेरे में पीड़िता का दाह संस्कार करवाया और मीडिया को जाने से रोका गया, कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी और राहुल गांधी के साथ यूपी पुलिस की धक्का-मुक्की, कहीं न कहीं मामले में योगी सककार बैकफुट पर जाती नजर आ रही है.
योगी सरकार बैकफुट नजर आ रही है
हाथरस घटना के बाद की घटनाओं पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं. केंद्र में भी भाजपा के तमाम अधिकारिक प्रवक्ताओं को इस पर मीडिया से बात नहीं करने की अंदर खाने सलाह दी गई है, लेकिन रात के अंधेरे में जिस तरह से उत्तर प्रदेश सरकार ने जबरन शव को जलवाया, मीडिया के प्रवेश पर रोक लगाया और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को रोकने के लिए जो जद्दोजहद की उसमें कहीं न कहीं सरकार की छवि धूमिल होती नजर आ रही है. सरकार जिस तरह से चीजों पर प्रतिबंध लगा रही थी, उस पर सरकार यह अनुमान लगा रही थी कि यह मामला राजनीतिक तूल नहीं पकड़ पाएगा, लेकिन उल्टे इस मामले पर योगी सरकार बैकफुट पर चली गई है.
कांग्रेस लगा रही आरोप
कांग्रेस आरोप लगा रही है की उत्तर प्रदेश की सरकार डंडे से राजनीति चलाना चाह रही है. यही नहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि हमेशा एंटी रोमियो स्क्वायड की बात करने वाले उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री का रोमियो स्क्वायड कहां था और ऐसी घटनाएं हो गईं, बावजूद उसके बाद कोई बड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
चिराग पासवान ने की योगी से बात
वहीं बीजेपी गठबंधन की पार्टियों ने भी दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है. यह मामला दलित राजनीति से संबंधित मामला भी है और गुरुवार को फोन पर लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की. चिराग पासवान ने योगी आदित्यनाथ से इस मामले में कड़े कदम उठाने की मांग की. केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी इस घटना पर चिंता जताते हुए योगी सरकार से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.
योगी सरकार से इस्तीफे की मांग
वहीं विपक्षी पार्टियां इस मामले पर एक सुर से योगी सरकार का इस्तीफा मांग रही हैं और उत्तर प्रदेश के कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही हैं. ऐसे में भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों और प्रवक्ताओं को भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधने की ही सलाह दी गई है. ईटीवी भारत ने कई प्रवक्ताओं से बात करने की कोशिश की, लेकिन सभी ने हाथरस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.
पीएम ने की योगी से बात
हालांकि, इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बुधवार को बात की थी, जिसकी जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद ट्वीट करके दी थी और कहा था कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए, मगर जिस तरह से पीड़िता का आधी रात में अंतिम संस्कार करवाया गया. इस बात को लेकर विरोधी पार्टियां सवाल उठा रही हैं.