चेन्नई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि वित्तीय स्थिरता एक सार्वजनिक हित की चीज है और सभी अंशधारकों को इसके लचीलेपन और मजबूती का संरक्षण और देखभाल करने की जरूरत है.
दास ने शनिवार को वर्चुअल मंच से 39वें नानी पालकीवाला स्मृति व्याख्यान में कहा कि केंद्रीय बैंक ने अपने नीतिगत प्रयासों को एक अत्याधुनिक राष्ट्रीय भुगतान ढांचा खड़ा करने में लगाया है. इससे एक सुरक्षित, प्रभावी और लागत-दक्ष मजबूत भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र तैयार हो सका है.
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ऐसा अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है, जिससे विनियमन वाली इकाइयां इन नए अवसरों का दोहन करने को तैयार हो सकें और साथ ही वित्तीय स्थिरता को कायम और संरक्षित भी रख सकें.
गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक ‘बैड बैंक’ स्थापित करने के किसी प्रस्ताव पर विचार करने को तैयार है. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक किसी तरह के नियामकीय दिशानिर्देश जारी करने से पहले इसकी समीक्षा करेगा.
दास ने सवाल-जवाब सत्र में कहा कि बैड बैंक पर काफी लंबे समय से विचार चल रहा है. आप जानते हैं कि रिजर्व बैंक ने संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों (एआरसी) के लिए नियामकीय दिशानिर्देश जारी किए हैं। हम बैड बैंक की स्थापना के किसी प्रस्ताव पर भी विचार को तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि नियामकीय दृष्टि से हम इसके लिए तैयार हैं. यदि कोई प्रस्ताव आता है, तो हम उसकी समीक्षा करेंगे और उसके लिए दिशानिर्देश जारी करेंगे. 'लेकिन इसके लिए सरकार और निजी क्षेत्र के अन्य खिलाड़ियों को योजना बनाने की जरूरत है.'
दास ने कहा, 'जहां तक रिजर्व बैंक का सवाल है, हम अपने नियामकीय ढांचे को समय की जरूरत के हिसाब से तैयार रखेंगे. यदि कोई प्रस्ताव आता है, तो आप मेरे शब्दों पर ध्यान दें, तो रिजर्व बैंक इसकी समीक्षा करेगा और इस पर राय बनाएगा.'