इंदौर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र को हाल ही में समर्पित 17 जैव संवर्धित फसल किस्मों में गेहूं की नई प्रजाति 'पूसा वानी' शामिल है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गेहूं की यह उन्नत किस्म किसानों की आय बढ़ाने के साथ ही कुपोषण के खिलाफ जारी महत्वपूर्ण जंग में भी मददगार साबित होगी क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, आयरन और जिंक होता है.
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि पूसा वानी को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के इंदौर स्थित क्षेत्रीय केंद्र के वैज्ञानिकों ने 12 साल की मेहनत से विकसित किया है.
इंदौर स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रमुख डॉ. एसवी साई प्रसाद ने बताया कि पूसा वानी (एचआई 1633) में गेहूं की पुरानी किस्मों के मुकाबले अधिक मात्रा में प्रोटीन (12.4 प्रतिशत), आयरन (41.6 पीपीएम) और जिंक (41.1 पीपीएम) जैसे पोषक तत्व समाए हैं. लिहाजा यह नई जैव संवर्धित किस्म कुपोषण दूर करने में सहायक सिद्ध होगी.
उन्होंने बताया कि पूसा वानी से अच्छी गुणवत्ता की चपाती और बिस्किट बनाए जा सकते हैं, जिससे किसानों को इसकी बेहतर कीमत मिलने की उम्मीद है.
साई प्रसाद ने बताया कि पूसा वानी हालांकि महाराष्ट्र और कर्नाटक के प्रायद्वीपीय क्षेत्रों और तमिलनाडु के मैदानी इलाकों के लिए चिन्हित की गई है, लेकिन देश के मध्यवर्ती हिस्सों में भी इसकी खेती की जा सकती है.