दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

अतिरिक्त प्रोटीन वाले गेहूं 'पूसा वानी' से कुपोषण दूर करने में मिलेगी मदद

हाल ही में पीएम मोदी ने गेहूं की नई प्रजाति 'पूसा वानी' राष्ट्र को समर्पित की थी. प्रोटीन, आयरन और जिंक से भरपूर गेहूं की यह प्रजाति कुपोषण से जंग में मददगार साबित होगी. 12 वर्षों की मेहनत के बाद यह नई प्रजाति विकसित की गई है.

new-species-of-wheat-pusa-vani-to-attack-malnutrition-in-corona-period
गेहूं की नई प्रजाति 'पूसा वानी'

By

Published : Oct 18, 2020, 7:24 PM IST

इंदौर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र को हाल ही में समर्पित 17 जैव संवर्धित फसल किस्मों में गेहूं की नई प्रजाति 'पूसा वानी' शामिल है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गेहूं की यह उन्नत किस्म किसानों की आय बढ़ाने के साथ ही कुपोषण के खिलाफ जारी महत्वपूर्ण जंग में भी मददगार साबित होगी क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, आयरन और जिंक होता है.

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि पूसा वानी को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के इंदौर स्थित क्षेत्रीय केंद्र के वैज्ञानिकों ने 12 साल की मेहनत से विकसित किया है.

इंदौर स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रमुख डॉ. एसवी साई प्रसाद ने बताया कि पूसा वानी (एचआई 1633) में गेहूं की पुरानी किस्मों के मुकाबले अधिक मात्रा में प्रोटीन (12.4 प्रतिशत), आयरन (41.6 पीपीएम) और जिंक (41.1 पीपीएम) जैसे पोषक तत्व समाए हैं. लिहाजा यह नई जैव संवर्धित किस्म कुपोषण दूर करने में सहायक सिद्ध होगी.

उन्होंने बताया कि पूसा वानी से अच्छी गुणवत्ता की चपाती और बिस्किट बनाए जा सकते हैं, जिससे किसानों को इसकी बेहतर कीमत मिलने की उम्मीद है.

साई प्रसाद ने बताया कि पूसा वानी हालांकि महाराष्ट्र और कर्नाटक के प्रायद्वीपीय क्षेत्रों और तमिलनाडु के मैदानी इलाकों के लिए चिन्हित की गई है, लेकिन देश के मध्यवर्ती हिस्सों में भी इसकी खेती की जा सकती है.

यह भी पढ़ें :सरकारी खरीद देश की खाद्य सुरक्षा का अहम हिस्सा : पीएम

उन्होंने बताया कि पूसा वानी की औसत उत्पादन क्षमता 41.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जबकि इससे 65.8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की अधिकतम पैदावार ली जा सकती है. साई प्रसाद ने बताया कि रबी सत्र के दौरान देर से बुआई और सिंचित अवस्था में गेहूं की खेती के लिए पूसा वानी की पहचान की गई है.

उन्होंने यह भी बताया कि गेहूं की इस नई किस्म में काले और भूरे रतुआ रोगों को लेकर प्रतिरोधक क्षमता है और इसकी खेती पर कीटों का प्रकोप नगण्य होता है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने विश्व खाद्य दिवस पर 16 अक्टूबर (शुक्रवार) को गेहूं, चावल, सरसों, मक्का और मूंगफली समेत आठ खाद्य फसलों की 17 जैव संवर्धित किस्में राष्ट्र को समर्पित की थीं. इस दिन संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की 75वीं वर्षगांठ भी थी.

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details