नई दिल्ली : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने झूठ बोलने पर महाराष्ट्र सरकार की भर्त्सना की. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा आश्वासन दिया गया था कि नांदेड़ से वापस भेजे जाने वाले सभी तीर्थयात्रियों का परीक्षण किया गया है, जबकि पता चला कि उनकी केवल जांच की गई थी और कोई परीक्षण नहीं किया गया था. कैप्टन ने कहा कि हम उनकी लापरवाही की कीमत चुका रहे हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कई मुद्दों पर खुलकर बोले.
कैप्टन ने महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाए, जिसमें उनकी पार्टी कांग्रेस भी गठबंधन में शामिल है. इसके अलावा कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अन्य कई मुद्दों पर भी खुलकर अपने विचार रखे.
पेश हैं साक्षात्कार के कुछ प्रमुख अंश:
प्रश्न :विदेशों में फंसे कई भारतीयों को कोरोना प्रभावित देशों से वापस भारत लाया जा रहा है और यह अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा. भारत के बाहर पंजाब की एक बड़ी आबादी रहती है. इस लिहाज से यह राज्य सरकार के लिए चिंता का कारण है?
उत्तर: चिंता का विषय तो खैर है ही. वास्तव में फरवरी-मार्च में एनआरआई आबादी ही थी, जिसने पंजाब में कोरोना मामलों की पहली लहर शुरू कर दी थी. इसलिए बड़ी संख्या में पंजाबियों के इस स्तर पर वापस आने और संक्रमण फैलने का खतरा तो है ही, जब स्थिति पहले से ही गंभीर है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपने भाइयों और बहनों का घर वापस आने पर स्वागत नहीं करना चाहते. उनमें से अधिकांश के यहां उनके परिवार या व्यवसाय आदि हैं. स्वाभाविक रूप से वे वापस आना चाहते हैं.
चुनौती यह है कि उनकी सुरक्षित वापसी कैसे सुनिश्चित की जाए. साथ ही यह सुनिश्चित भी करना है कि उनकी वापसी से राज्य में उनके परिवारों, पड़ोसियों और अन्य लोगों के बीच संक्रमण जोखिम न बढ़े. उसके लिए हमने बहुत कड़े प्रोटोकॉल रखे हैं. पंजाब में प्रवेश करने पर तुरंत सभी को एक सप्ताह के लिए एकांतवास में रखा जाएगा. उसके बाद उनका परीक्षण किया जाएगा और जो पॉजिटिव पाए जाएंगे, उन्हें आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा, जबकि जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव होगी, उन्हें भी दो सप्ताह तक घर में ही एकांतवास में रखा जाएगा. हम कोई जोखिम नहीं उठाना चाह रहे और हम अन्य देशों में किए गए परीक्षणों पर भी भरोसा नहीं करने जा रहे हैं.
प्रश्न: शुरू में पंजाब में हालात बेहतर थे, मगर बाद में कोरोना संक्रमितों की संख्या में उछाल आया है. ऐसा क्यों हुआ?
उत्तर: हां, महाराष्ट्र (नांदेड़) और राजस्थान से आए प्रवासियों की बड़ी संख्या के कारण मामलों में तेजी आई है. अचानक एक ही दिन में इन राज्यों से लगभग 7000 लोगों ने पंजाब में प्रवेश किया. उनमें से कुछ लोगों की तो राज्य की सीमा में प्रवेश करते समय भी छींकने की खबरें आई थीं. तीर्थयात्रियों और प्रवासियों के साथ कुछ छात्र भी थे, जो वस्तुत: एक ही समय में आए थे और फिर हमने बाद में उनका परीक्षण किया तो उनमें से काफी लोग पॉजिटिव पाए गए. सबसे खराब बात तो यह रही कि उनमें से ज्यादातर में कोई लक्षण ही नहीं थे. नांदेड़ से लौटे 4200 लोगों में से 969 लोग पॉजिटिव पाए गए, जिनमें से महज 23 लोगों में ही लक्षण थे.