चंडीगढ़ : कृषि कानूनों के खिलाफ आज पंजाब विधान सभा के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है. सत्र शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों के खिलाफ सदन के समक्ष बिल पेश किया है. इस बिल के पेश होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने सदन में कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला केंद्र के मुंह पर करारा थप्पड़ है, जिसकी आवाज पूरे हिंदुस्तान में गूंजेगी.
वहीं विधान सभा में बिल पेश करने के दौरान कैप्टन ने कहा कि केंद्र चाहे तो उनकी सरकार बर्खास्त कर दे पर कैप्टन अपना सिर नहीं झुकाएगा. कैप्टन ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन करने का पूरा अधिकार है. कैप्टन ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि पंजाब में वह हालात बने. उन्होंने कहा कि अगर हल नहीं निकला तो संघर्ष और बढ़ेगा.
इससे पहले सदन के पहले दिन सोमवार को कारवाई सिर्फ 35 मिनट के लिए ही चली थी. पंजाब सरकार ने सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लाया जाने वाला विधेयक एक दिन टाल दिया. इस पर सदन में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया.
करीब 11:15 बजे कार्यवाही दोपहर 12.15 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि कृषि कानूनों के खिलाफ संबंधित बिल आज लाया जाएगा.
कल रात आम आदमी पार्टी के विधायकों को विधान सभा के अंदर सोते हुए देखा गया.
विपक्ष ने की सरकार की आलोचना
इससे पहले विशेष सत्र के पहले दिन विपक्षी पार्टियों ने पंजाब विधानसभा के केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में विधेयक पटल पर नहीं रखने को लेकर राज्य सरकार की सोमवार को आलोचना की थी. इस दौरान 'आप' विधायकों ने सदन में धरना भी दिया. इसके बाद कार्यवाही आज के लिए स्थगित कर दी गई.
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक देर शाम तक विधानसभा के बीचों-बीच बैठे रहे, जिसके बाद वे विधानसभा के बाहर गैलरी में चले गए, लेकिन वे सदन परिसर के भीतर ही रहे और उन्होंने उस विधेयक की प्रतियों की मांग की, जिसे मंगलवार को राज्य की कांग्रेस सरकार पेश करने वाली है.
इससे पहले, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि वे मुद्दे पर संविधान विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा कर रहे हैं और सत्र के दौरान पटल पर रखे जाने वाले विभिन्न विधेयकों की प्रतियां विपक्षी पार्टी के सदस्यों को शाम तक मुहैया करा दी जाएंगी.
बाद में नेता विपक्ष एवं आप नेता हरपाल चीमा ने देर रात कहा, 'हम यहां रातभर बैठेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे क्योंकि हमें सत्र के दौरान पेश होने वाले इस विधेयक और अन्य विधेयकों को प्रतियां अब तक नहीं मिली हैं.'
इससे पहले, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विधानसभा के अधिकारियों ने आप नेताओं को प्रदर्शन बंद करने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे.
उल्लेखनीय है कि चार साल पहले सत्तारूढ़ शिअद-भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग को लेकर उस समय विपक्ष में रही कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा में रात बिताई थी.
इस बीच, राज्य विधानसभा में शिअद ने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक सोमवार को ही पेश किया जाना चाहिए था.
पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष राणा के पी सिंह से शाम को मुलाकात की और विधेयकों की प्रतियां नहीं मिलने पर आपत्ति जताई. शिअद नेताओं ने इसे 'लोकतंत्र की हत्या' करार दिया.