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गुर्जर आंदेलन : चित्तौड़गढ़ में चार घंटे तक हाईवे पर डटे रहे आंदोलनकारी

चित्तौड़गढ़ में गुरुवार को गुर्जर आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने कोटा फोरलेन पर पारसोली थाना क्षेत्र में स्थित हरपुरा मोड पर एनएच-27 को जाम कर दिया, जमा लगभग चार घंटे तक रहा. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाईवे को अपने कब्जे में कर लिया. इसके बाद कई दौर की वार्ता के बीच करीब 4 घंटे बाद आंदोलनकारियों व प्रशासन के बीच धरना समाप्त करने को लेकर सहमति बन सकी.

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Published : Nov 5, 2020, 8:00 PM IST

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गुर्जर आरक्षण आंदेलन

चित्तौड़गढ़ :राजस्थान में गुर्जर आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन की आग गुरुवार को चित्तौड़गढ़ जिले में भी पहुंच गई. आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने चित्तौड़गढ़ में कोटा फोरलेन पर पारसोली थाना क्षेत्र में स्थित हरपुरा मोड़ पर एनएच-27 को जाम कर दिया, करीब चार घंटे तक जाम लगा रहा.

वहीं, प्रदर्शनकारियों की ओर से टायर भी फूंके गए, जिसे देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा. जानकारी के अनुसार, गुरुवार सुबह करीब 11 बजे जिले के पारसोली व आस-पास के क्षेत्र के गुर्जर समाज के लोग एकत्रित होकर हरपुरा मोड़ पर नेशनल हाईवे-27 पर पहुंचे, जहां समाज के लोग धरने पर बैठ गए. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाईवे को अपने कब्जे में कर लिया.

चित्तौड़गढ़ में चार घंटे तक हाईवे पर डटे रहे आंदोलनकारी

जिसके बाद चित्तौड़गढ़-कोटा फोरलेन के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. इसी के साथ आंदोलनकारियों ने बीच सड़क पर टायर जलाकर विरोध-प्रदर्शन किया. साथ ही उन्होंने बिस्तर व टेंट लगाकर गुर्जर समाज को आरक्षण देने की मांग की. पूर्व में आयोजित इस धरना प्रदर्शन के दौरान पारसोली में पुलिस बल तैनात किया गया है.

पारसोली थानाधिकारी संजय गुर्जर के अलावा प्रशिक्षु आरपीएस राजेश कसाना, नायब तहसीलदार पारसोली रामधन गुर्जर, जिला स्पेशल टीम प्रभारी शिवलाल मीणा सहित कई अधिकारी आंदोलनकारियों से वार्ता में डटे रहे.

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मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिस फोर्स भी मंगवाया गया. इसके बाद कई दौर की वार्ता के बीच करीब चार घंटे बाद आंदोलनकारियों व प्रशासन के बीच धरना समाप्त करने को लेकर सहमति बनी.

जिसमें आंदोलनकारियों की ओर से पांच दिन का समय दिया गया है और अगर पांच दिन में प्रदेश स्तर पर समझौता हुआ, तो ठीक नहीं तो 10 नवंबर से दोबारा हाईवे जाम किया जाएगा. साथ ही यह भी तय हुआ है कि गुरुवार को हुए जाम को लेकर किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी. प्रशासन की ओर से इन मांगों को मान लेने के बाद गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों ने धरना समाप्त कर दिया.

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