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शाह की 'रैली' से पहले राबड़ी-तेजस्वी ने बजाईं थालियां, बरसे गिरिराज

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) विधायक तेजस्वी यादव ने गृह मंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली का विरोध किया है. आरजेडी ने इस दिन को गरीब अधिकार दिवस के रूप में मना रही है. इसके तहत भूखे, गरीब, बेरोजगार और प्रवासी मजदूर सुबह 11:00 से 11 मिनट तक थाली बाजार कर विरोध प्रदर्शन किया.

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Published : Jun 7, 2020, 11:20 AM IST

Updated : Jun 7, 2020, 4:12 PM IST

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तेजस्वी ने बजाईं थाली

पटना : बिहार में आगामी महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाला है. बीजेपी चुनाव की तैयारी में जुट गई है. वहीं, आज बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह वर्चुअल रैली के माध्यम से बिहार की जनता को संबोधित करेंगे. उमीद जताई जा रही है कि बीजेपी इस वर्चुअल रैली के माध्यम से चुनाव का शंखनाद से प्रारंभ करेगी. उधर तेजस्वी यादव ने बीजेपी के इस कार्यक्रम का विरोध किया है.

वहीं राजद के हरसिद्धि विधायक और पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र राम ने ईटीवी भारत से बात करते हुए गृहमंत्री की वर्चुअल रैली के विरोध करने के कारणों को बताया. साथ ही अन्य मुद्दों पर भी राजेंद्र राम ने अपनी बातें रखी.

आपदा के इस दौर में सरकार के रवैये पर सभी गरीब प्रतिकार करेंगे. तेजस्वी का कहना है कि बिहार के लोग कोरोना जैसी महामारी से परेशान हैं. गरीब भूखे पेट सो रहे हैं, उनके पास काम नहीं है और बीजेपी चुनाव की तैयारी में जुटी है.

अमित शाह की रैली का विरोध करने को लेकर तेजस्वी का बयान

राजद के इस अभियान परकेंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपनी प्रतिक्रियादी. उन्होंने कहा कि कुछ राजनैतिक दल केवल पीएम मोदी और बीजेपी का विरोध विरोध विरोध ही करते हैं. ये वही लोग हैं जिन्होंने कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में जब थालियां बजाने के लिए कहा था तो उसका विरोध किया था और आज गरीबों के अधिकार के लिए खुद थालियां बजा रहे हैं.

इससे पहले तेजस्वी यादव ने विरोध का कारण बताते हुए कहा किबिहार का किसान, गरीब और बेरोजगार थाली पीटने का काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि गरीब का पेट खाली है, सरकारों ने गलत बर्ताव किया है.

बिंदुवार पढ़ें तेजस्वी की बातें-

  • इस डबल इंजन सरकार ने गरीब, मजदूरों को मानसिक प्रताड़ना पहुंचाई है.
  • मौजूदा सरकार, चाहे वो केंद्र की हो या राज्य सरकार हो किसी ने इनपर ध्यान नहीं दिया.
  • 13 करोड़ लोग सिर्फ बीपीएल सूची के अनुसार बेरोजगार हैं.
  • डिजीटल रैली का प्रयोग चुनाव प्रचार पर किया जा रहा है.
  • इस रैली का प्रयोग मजदूरों की मदद के लिए करना चाहिए था.
  • बीजेपी सत्ता की भूख मिटा रही हैं, गरीबों की नहीं.
  • बीजेपी देश-दुनिया की पहली ऐसी पार्टी है, जो गरीबों की मौत पर जश्न मना रही है.
  • अमित शाह की रैली पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि उनसे पूछना चाहूंगा कि दूसरे राज्यों के मजदूरों के साथ गैरों जैसा व्यवहार क्यों किया गया.
  • बिहार पुलिस मुख्यालय से प्रवासी मजदूरों के विरोध में निकली चिट्ठी में जो कुछ लिखा था. वो नीतीश कुमार की अंतर आत्मा से निकले शब्द हैं.
    राजद के प्रवक्ता ने की ईटीवी भारत से बात

विधायक राजेंद्र राम ने कहा कि लॉकडाउन के समय में प्रवासी मजदूर परेशान थे. किसी तरह भूख से तड़पते हुए, रोते-बिलखते पैदल चलकर, रिक्शा, साइकिल और ऑटो से मजदूर वापस लौटे हैं. जिन्हें रोजगार की जरूरत है. लेकिन रोजगार देने के बदले बीजेपी सत्ता की राजनीति करने में लगी हुई है. वहीं, उन्होंने कहा कि अमित शाह की वर्चुअल रैली वोट की राजनीति है.

'आरक्षण समाप्त करने वालों का साथ छोड़ने को जदयू विधायक तैयार नहीं '
बिहार विधानसभा और विधान परिषद में दलित और महादलित जनप्रतिनिधियों को एक मंच पर लाने के प्रयास पर राजेंद्र राम ने कहा कि राजद के दलित विधायक दो बार के आयोजित बैठक में शामिल हुए थे. लेकिन दोनों बैठकों में राजद के दलित विधायकों ने जदयू विधायकों से आरक्षण समाप्त करने का प्रयास करने वाली पार्टी का साथ छोड़ने की शर्त रखी थी. जिस शर्त पर जदयू के विधायक तैयार नहीं हुए. इसलिए राजद के विधायक दलित जनप्रतिनिधियों के लिए बनाए जा रहे मोर्चा से अलग हो गए.

Last Updated : Jun 7, 2020, 4:12 PM IST

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