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नागरिकता कानून पर बवाल : सेना ने भीड़ से रेल यात्रियों को बचाया, कई अधिकारियों का तबादला

नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 अब कानून बन चुका है. इसके खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बीच AASU द्वारा भी प्रदर्शन किया जा रहा है. हालांकि कानून-व्यवस्था बरकरार रखने के लिए सेना की भी मदद ली जा रही है. कई प्रशासनिक अधिकारियों का तबादला किया गया है. इस बीच असम के पूर्व मुख्यमंत्री का बयान भी सामने आया है. जानें पूरा विवरण...

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नागरिकता विधेयक पर बवाल

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Published : Dec 13, 2019, 10:02 AM IST

Updated : Dec 13, 2019, 2:35 PM IST

गुवाहाटी : नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 के खिलाफ असम में उग्र प्रदर्शनों के बीच ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) भी विरोध प्रदर्शन कर रहा है.यूनियन के सदस्य गुवाहाटी में प्रदर्शन कर रहे हैं.

इसी बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 की वैधता को चुनौती दी है. इस कानूनी संशोधन के खिलाफ छात्र संगठन के प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग जमा हो रहे हैं.

AASU ने गुवाहाटी में विरोध प्रदर्शन किया

स्थानीय मुद्दों और संस्कृति को लेकर लोग सरकार विरोधी नारेबाजी भी कर रहे हैं.

आसू द्वारा हो रहे विरोध प्रदर्शन की तस्वीर

पूर्व मुख्यमंत्री ने दिया बयान
राज्य में जगह जगह हो रहे प्रदर्शनों के बीच असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का बयान भी सामने आया है. गोगोई ने कहा कि ऐसे हालात क्यूं हुए और इसके लिए कौन जिम्मेदार है.

असम के पूर्व मुख्यमंत्री का बयान

उन्होंने कहा कि असम समेत पूरे पूर्वोत्तर के भाव अलग हैं चाहे वे भाषा के मामले हों या संस्कृति के मामले में. लेकिन केंद्र इन भावों का सम्मान नहीं कर रहा है इसके विपरीत इसे बेइज्जत किया जा रहा है.

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गौरतलब है कि इससे पहले प्रदर्शनकारियों की भीड़ एक एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बों को आग लगाने पर उतारू थी. इसी बीच सेना का बयान आया कि उसने नहारकाटिया रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को बचाया है.

सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि भीड़ ने नहारकाटिया में सिलचर-डिब्रूगढ़ ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस को घेर लिया और वे उसमें आग लगाने ही वाले थे कि सुरक्षा बल वहां पहुंच गए.

उन्होंने बताया कि रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों को बचाने के लिए तत्काल मदद का अनुरोध किया था.

अधिकारियों ने जानकारी दी कि तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए सेना और असम राइफल्स की टुकड़ियां मौके पर पहुंच गईं. उन्होंने तुरंत मौके से भीड़ को खदेड़ दिया.

गौरतलब है कि असम में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. गुरुवार को गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है.

आयुक्त और सचिव (गृह एवं राजनीति) आशुतोष अग्निहोत्री ने बताया कि गुवाहाटी के पुलिस प्रमुख दीपक कुमार को हटाकर उनके स्थान पर मुन्ना प्रसाद गुप्ता को नियुक्त किया गया है. गुप्ता इससे पहले आईजीपी (प्रशिक्षण एवं सशस्त्र पुलिस में) तैनात थे.

कई अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों (एडीजीपी) और पुलिस अधीक्षकों (एपी) का भी तबादला किया गया है.

उन्होंने बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) मुकेश अग्रवाल का स्थानांतरण कर पहले एडीजीपी (सीआईडी) बनाया गया था लेकिन आदेश में बाद में संशोधन किया गया और उन्हें अब एडीजीपी (सीमा) बनाया गया है.

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जीपी सिंह को अग्रवाल की जगह एडीपीजी (कानून एवं व्यवस्था) बनाया गया है.

अग्निहोत्री के मुताबिक, सिंह इससे पहले दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिरीक्षक पद पर तैनात थे.

अधिसूचना के मुताबिक, एडीजीपी (सीआईडी) एल आर बिश्नोई का पहले स्थानांतरण कर एडीजीपी (प्रशिक्षण एवं सशस्त्र पुलिस बल) बनाया गया था, लेकिन बाद में आदेश में संशोधन किया गया है और वह एडीजीपी (सीआईडी) के पद पर तैनात रहेंगे.

इसके अलावा आदेश में बताया गया है कि डिब्रूगढ़, जोरहट, धेमाजी, उदलगुरी, डिमा हासाओ, गुवाहाटी पूर्वी जोन, सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी और सीमा के पुलिस अधीक्षकों को भी बदला गया है.

गुवाहाटी पूर्व के पुलिस उपायुक्त रंजन भुइंया की जगह सुहासनी संकरा को तैनात किया गया है. भुइंया को पुलिस उपायुक्त (यातायात) बनाया गया है.

उन्होंने बताया कि एडीजीपी एसएन सिंह और पुलिस उप महानिरीक्षक आनंद प्रकाश तिवारी को भी राज्य में कानून व्यवस्था की निगरानी के काम में लगाया गया है.

उल्लेखनीय है कि हजारों लोग गुवाहाटी में कर्फ्यू का उल्लंघन कर नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे. इस विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है.

(एक्सट्रा इनपुट- पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Dec 13, 2019, 2:35 PM IST

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