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कृषि कानून के खिलाफ रोष, जगह-जगह जारी है विरोध

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Published : Sep 28, 2020, 9:34 AM IST

Updated : Sep 28, 2020, 5:32 PM IST

protest against farm laws
कृषि विधेयक विरोध प्रदर्शन

16:33 September 28

झारखंड : कांग्रेस ने निकाला विरोध मार्च, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

रांची में विरोध प्रदर्शन

केंद्र सरकार द्वारा कृषि सुधार विधेयक पारित करने के खिलाफ कांग्रेस देशभर में आंदोलन कर रही है. इसी के तहत झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी सोमवार को मोरहाबादी मैदान स्थित बापू वाटिका से राजभवन तक विरोध मार्च किया है और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है.

झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह ने भी शिरकत की है. इस दौरान प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव,विधायक दल के नेता आलमगीर,सांसद धीरज साहू, विधायक इरफान अंसारी, प्रदीप यादव, बंधु तिर्की और कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है.

जिसमें केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि सुधार विधेयक को किसानों के खिलाफ बताया गया है. प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा है कि जब तक इस विधेयक में एमएसपी के तहत मूल्य निर्धारित और मंडियों को नहीं जोड़ा जाएगा, तब तक कांग्रेस इस विधेयक के खिलाफ आंदोलन करती रहेगी.

उन्होंने कहा है कि देश में 62 करोड़ किसान केंद्र सरकार के तीनों काले कानून के खिलाफ है, क्योंकि इसमे एमएसपी के तहत मूल्य नितधारित नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि एमएसपी को अगर समाप्त कर दिया जाएंगे. देश में फिर से भाजपा जमींदारी प्रथा ला रही है. बड़े-बड़े उद्योगपति एमएसपी के नीचे अनाज खरीदने लगेंगे, तो किसान बर्बाद हो जाएंगे.

उन्होंने कहा कि भाजपा कह रही है कि एमएसपी खत्म नहीं होगी, लेकिन यह सिर्फ झूठा आश्वासन है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने कहा था कि 15 लाख रुपए देंगे, दो करोड़ नौकरियां हर वर्ष देंगे, लेकिन कुछ भी नहीं दिया गया. ऐसे में भाजपा पर विश्वास नही किया जा सकता है, जब तक एमएसपी और मंडियों का कानून में प्रावधान नहीं होगा. तब तक आंदोलन जारी रहेगी.

वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा कि राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल को अवगत कराया गया है कि कांग्रेस पार्टी और देश के किसान इस विधेयक को किसान विरोधी मानते हैं.

उन्होंने कहा कि इससे किसानों का फायदा ना होकर महाजनी प्रथा को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि पहले गांव में व्यापारी जब आते थे तो खेती के लिए पैसा देते थे और किसान की जब फसल आती थी तो 40 प्रतिशत पहले ले लेते थे, जबकि 60 प्रतिशत किसानों के पास रहती थी.

15:36 September 28

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम ने किया विरोध प्रदर्शन

तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन.

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम और उसकी सहयोगी पार्टियों ने कृषि विधयकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. 

13:19 September 28

गुजरात में कृषि कानून के खिलाफ विरोध

गुजरात में भी किया जा रहा कृषि कानून का विरोध

गुजरात के गांधीनगर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया. गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने बताया, 'देश में अंग्रेजों के शासन में जैसे ईस्ट इंडिया कंपनी का राज था, वैसे ही इस कानून से आने वाले समय में कंपनी का राज आ जाएगा.' वहीं इस विरोध प्रदर्शन में महिलाएं भी पोस्ट, बैनर के साथ शामिल हुई

12:44 September 28

दिल्ली में गिरफ्तार डीपीसीसी के सदस्य

दिल्ली में गिरफ्तार DPCC के सदस्य

डीपीसीसी ने राजघाट से किसान मजदूर न्याय मार्च का आयोजन किया. इस दौरान दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति  (डीपीसीसी) के कई सदस्यों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया.

12:41 September 28

पंजाब के मुख्यमंत्री ने दिया धरना

पंजाब के मुख्यमंत्री का धरना

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शहीद भगत सिंह नगर के खटकड़ कलां में कृषि के विरोध में धरना दिया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने भगत सिंह जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी. इस दौरान कृषि कानून के विरोध में खटकड़ कलां में आयोजित एक कांग्रेस रैली में अमरिंदर सिंह ने शिरकत की. कैप्टन के साथ कांग्रेस के कई लीड़र भी मौजूद थे. मुख्य मंत्री कैप्टन ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार को कई हक नहीं है कि वह राज्य सरकार के हक छीने और नए कानून लागू कर के छोटे किसानों की रोटी छिने. कैप्टन ने कहा कि इस कानून के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

12:21 September 28

सर पुत्तन्ना चेट्टी टाउन हॉल के सामने विरोध प्रदर्शन

सर पुत्तन्ना चेट्टी टाउन हॉल के सामने विरोध प्रदर्शन

कर्नाटक राज्यसभा संघ और हसीरू सेने और अन्य संगठनों ने बेंगलुरु में सर पुत्तन्ना चेट्टी टाउन हॉल के सामने विरोध प्रदर्शन किया. जहां किसान संगठनों ने किसान कानूनों, भूमि सुधार अध्यादेशों, एपीएमसी और श्रम कानूनों में संशोधन के खिलाफ आज राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है. 

10:43 September 28

पांच लोग हिरासत में

इंडिया गेट के पास ट्रैक्टर को आग के हवाले करने के मामले में पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया है. सोमवार सुबह कुछ किसान प्रदर्शन करते हुए ट्रैक्टर लेकर इंडिया गेट के पास पहुंच गए. यहां पर उन्होंने इस ट्रैक्टर को पलट दिया और उसे आग के हवाले कर दिया. वहीं जब पुलिस उनके पास पहुंची तो सभी मौके से फरार हो गए. पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों में 12 से 15 लोग शामिल थे. 

10:14 September 28

किसानों का कर्नाटक बंद का आह्वान

कर्नाटक में प्रदर्शन

बेंगलुरु : कर्नाटक में विभिन्न किसान संगठनों ने कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) और भूमि सुधार कानून में बीएस येदियुरप्पा सरकार द्वारा संशोधन किए जाने पर विरोध जताने के लिए सोमवार को राज्य में बंद का आह्वान किया है.
साथ ही राज्य में कृषि कानून को लेकर भी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. 
 

विधानसभा में इन विधेयकों का विरोध करने वाले विपक्षी दल कांग्रेस और जद (एस) के साथ ही कई कन्नड़ संगठनों ने भी सोमवार तड़के से लेकर शाम तक आयोजित किए जाने वाले इस बंद का समर्थन किया है.

इसके अलावा, शनिवार को समाप्त हुए संक्षिप्त सत्र के दौरान कुछ श्रम कानूनों में संशोधन का विरोध करने वाले कई श्रमिक संगठनों ने भी इस बंद के समर्थन की घोषणा की है.

वहीं, राज्य सरकार ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाएगी कि आम जनजीवन से संबधित कार्यालयों और प्रतिष्ठानों के संचालन को प्रभावित नहीं होने दिया जाए.

साथ ही जबरन बंद लागू करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी सरकार ने दी है.
 

09:56 September 28

पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

ट्रैक्टर में को लगाई आग

पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता दिल्ली में इंडिया गेट के पास कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने एक ट्रैक्टर को भी आग लगा दी. 

09:21 September 28

कर्नाटक में निकाली बाईक रैली

कर्नाटक में निकाली बाईक रैली

कर्नाटक में अखिल भारतीय किसान सभा और अन्य संगठन कृषि कानून के विरोध में हेमवती की मूर्ति के सामने और बाइक रैली आयोजित कर रहे हैं. वहीं कर्नाटक के कई हिस्सों में किसानों द्वारा इस बिल पर हंगामा किया जा रहा है. 

09:11 September 28

विरोध प्रदर्शन लाइव

वीडियो-

नई दिल्ली :कृषि कानून के खिलाफ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. दूसरी तरफ राष्ट्रपति ने सभी कृषि विधेयकों को अपनी मंजूरी दे दी है.  आज देश के कई हिस्सों से इस बिल के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं.  

वहीं कर्नाटक में विभिन्न किसान संगठनों ने कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) और भूमि सुधार कानून में बीएस येदियुरप्पा सरकार द्वारा संशोधन किए जाने पर विरोध जताने के लिए सोमवार को राज्य में बंद का आह्वान किया है.
साथ ही राज्य में कृषि कानून को लेकर भी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. 

बता दें कि राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह तीनों विधेयक अब एक्ट यानी की कानून बन गए हैं. 

सोमवार सुबह कुछ किसान प्रदर्शन करते हुए ट्रैक्टर लेकर इंडिया गेट के पास पहुंच गए. यहां पर उन्होंने इस ट्रैक्टर को पलट दिया और उसे आग के हवाले कर दिया. पुलिस जब उनके पास पहुंची तो सभी मौके से फरार हो गए. पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों में 12 से 15 लोग शामिल थे. इस बाबत तिलक मार्ग थाने में मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है. वहीं देश के अलग-अलग राज्यों में किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. 

कृषि विधेयकों के विरोध के बीच राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कल तीनों विधेयकों पर हस्ताक्षर किए. विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से विधेयकों पर हस्ताक्षर न करने की अपील की थी. 

दूसरी ओर इन विधेयकों का विरोध राजग के सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने भी किया है और उसने खुद को राजग से अलग कर लिया.

 जानिए कृषि विधेयक

  • किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020 का उद्देश्य विभिन्न राज्य विधानसभाओं द्वारा गठित कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) द्वारा विनियमित मंडियों के बाहर कृषि उपज की बिक्री की अनुमति देना है.
  • किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक का उद्देश्य अनुबंध खेती की इजाजत देना है.
  • आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक अनाज, दालों, आलू, प्याज और खाद्य तिलहन जैसे खाद्य पदार्थों के उत्पादन, आपूर्ति, वितरण को विनियमित करता है.

इससे पहले विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के बीच राज्यसभा ने बीते रविवार को दो प्रमुख कृषि विधेयकों को पारित कर दिया था. हंगामे के दौरान विपक्षी सदस्यों ने पीठासीन अधिकारी के आसन की ओर रुख करते हुए उनकी ओर नियम पुस्तिका को उछाला, सरकारी कागजातों को फाड़ डाला और मत विभाजन की अपनी मांग को लेकर उन पर दबाव बनाने का प्रयास किया था.

Last Updated : Sep 28, 2020, 5:32 PM IST

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