नई दिल्ली/चेन्नई : तमिलनाडु में तौहीद जमात के सदस्यों सहित आम लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लोगों का यह प्रदर्शन नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ है. वहीं दिल्ली में भी शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों का विरोध जारी है.
आपको बता दें, मद्रास हाईकोर्ट के पास बड़ी संख्या में लोग जमा होकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त कर रहे हैं. गौरतलब है कि दिल्ली में लोग सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ लगातार पिछले तीन महीनों से कड़ा विरोध कर रहे हैं.
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तमिलनाडु में मद्रास हाईकोर्ट के पास सीएए,एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ तौहीद जमात के सदस्यों का प्रदर्शन जारी है.
वहीं पिछ्ले 95 दिनों से नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रही शाहीन बाग की महिलाएं को कोरोना का खौफ नहीं है और वह सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के बाद भी प्रदर्शन स्थल छोड़ने को तैयार नहीं हैं, लेकिन कोरोना वायरस से बचाव के लिए इन महिलाओं ने कारपेट की जगह अब तख्त पर बैठकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है और प्रदर्शन स्थल के अंदर आने वाली हर महिला के हाथ में सैनिटाइजर लगाने की हिदायत दी जा रही है.
शाहीन बाग में भी जारी है सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ प्रदर्शन. ईटीवी भारत से बातचीत में शाहीन बाग की प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि उन्हें कोरोना से डर नहीं है और वह प्रदर्शन स्थल तब तक नहीं छोड़ेंगी, जब तक सरकार इस काले कानून को वापस न ले.
ईटीवी भारत ने जब उनसे यह पूछा कि सऊदी अरब जैसे देश में जहां मुस्लिम समाज के लोग हज करने जाते हैं, वहां पर भी नमाज नहीं पढ़ी जा रही है तो उन्होंने कहा, 'अगर हमने अपना प्रदर्शन कोरोना के डर से खत्म कर दिया तो सरकार हमें यहां पर दोबारा प्रदर्शन नहीं करने देगी.'
शाहीन बाग की महिलाओं ने इसके साथ ही कहा, 'अब भी देशभर में मेट्रो सेवाएं बसें और रेलगाड़ियां सुचारु रूप से चल रही हैं, जब इतनी ज्यादा तादाद में यात्री एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं तो हम यहां पर प्रदर्शन क्यों नहीं कर सकते हैं.'
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हालांकि, कोरोना वायरस के डर से कुछ प्रदर्शनकारी जो शाही बाग प्रदर्शन स्थल पर हमेशा मौजूद रहा करते थे, वे अब यहां नहीं आते हैं क्योंकि उनका मानना है कि यदि सरकार ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है तो हमें अपना प्रदर्शन कुछ समय के लिए रोक देना चाहिए, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, जो यह प्रदर्शन नहीं रोकना चाहते.
शाहीन बाग में प्रदर्शनरत महिलाएं. बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए मंगलवार को दिल्ली पुलिस व प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों से यह धरना खत्म करने की अपील की थी, लेकिन बात नहीं बनी. प्रदर्शनकारियों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने कुछ ही लोगों से बात की जबकि हमारी यह मांग थी कि वह प्रदर्शन स्थल पर आकर सभी प्रदर्शनकारियों से बात करें.
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. संसद से लेकर एयरपोर्ट और हर सरकारी दफ्तर पर थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. स्वास्थ मंत्रालय के मुताबिक भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 150 से ज्यादा हो गई है, जिनमें 25 विदेशी नागरिक शामिल हैं