दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

गृह मंत्री बने अमित शाह, एक नजर उनके राजनीतिक सफर पर

अमित शाह को मोदी मंत्रिमंडल में गृह मंत्रालय का प्रभार दिया गया है. इससे उनके राजनीतिक हैसियत का पता चलता है. आइए जानते हैं उनके राजनीतिक सफर पर एक नजर.

By

Published : May 31, 2019, 1:04 PM IST

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: अमित शाह मोदी मंत्रिमंडल में शामिल कर लिए गए हैं. उन्हें कैबिनेट में तीसरी वरीयता दी गई है. वह गृह मंत्रालय का प्रभार सभालेंगे. आइए डालते हैं उनके राजनीतिक सफर पर एक नजर.

अमित शाह का जन्म 22 अक्‍टूबर 1964 को मुंबई में हुआ था. वह गुजरात के एक संपन्न परिवार से ताल्लुक रखते हैं. शाह गुजरात के मनसा में प्लास्टिक के पाइप का पारिवारिक बिजनेस संभालते थे.

फोटो सौ. (IANS)

पिता का संभाला बिजनेस
उन्होंने मेहसाणा से शुरुआती पढ़ाई की थी और फिर बॉयोकेमिस्ट्री की पढ़ाई अहमदाबाद से की. अमित शाह ने बॉयोकेमिस्ट्री में बीएससी किया था और फिर पिता का बिजनेस संभालने में जुट गए थे.

पढ़ें: नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में स्मृति इरानी सबसे युवा मंत्री

मोदी से मुलाकात
शाह बचपन से ही आरएसएस से जुड़ गए. कॉलेज के दिनों में वो आरएसएस के स्वयंसेवक भी बने थे. साल 1982 में नरेंद्र मोदी से उनकी पहली मुलाकात हुई और ये दोस्ती में बदल गई. साल 1983 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े थे और यहीं से उनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ था.

फोटो सौ. (अमित शाह ट्विटर)

1986 में ज्वाइन की भाजपा
अमित शाह ने नरेंद्र मोदी से एक साल पहले यानी साल 1986 में भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन किया. साल 1987 में अमित शाह भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्य बने. साल 1999 में अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक (एडीसीबी) के प्रेसिडेंट चुने गए. उसके बाद साल 1997 में मोदी ने सरखेज के उपचुनाव में अमित शाह को उतारने की सलाह दी. अमित शाह फरवरी 1997 में उपचुनाव जीतकर विधायक बने और साल 1998 के चुनाव में अपनी सीट बरकरार रखी.

गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट
साल 1997 से 2012 तक वो सरखेज से विधायक रहे और साल 2009 में गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट बने. इसके बाद साल 2013 में अमित शाह नरनपुरा से विधायक चुने गए. साल 2014 में नरेंद्र मोदी के पद छोड़ने के बाद GCA के प्रेसिडेंट बने. उन्होंने साल 2003 से 2010 तक गुजरात सरकार की कैबिनेट में गृह मंत्रालय का जिम्मा संभाला.

फोटो सौ. (अमित शाह ट्विटर)

1991 में पहला बड़ा राजनीतिक मौका
अमित शाह को साल 1991 में पहला बड़ा राजनीतिक मौका उस समय मिला, जब लालकृष्ण आडवाणी के लिए गांधीनगर संसदीय क्षेत्र में उन्होंने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला. इसी तरह का मौका 1996 में भी अमित शाह के पास आया जब अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात से चुनाव लड़ना तय किया. मोदी के कहने पर उस चुनाव की पूरी जिम्मेदारी फिर से अमित शाह को ही सौंपी गई.

फोटो सौ. (अमित शाह ट्विटर)

42 छोटे-बड़े चुनावों में लगातार जीत
साल 2002 में नरेंद्र मोदी की सरकार में सबसे कम उम्र के अमित शाह को गृह (राज्य) मंत्री बनाया गया. अभी तक अमित शाह ने कुल 42 छोटे-बड़े चुनाव लड़े लेकिन उनमें से एक में उन्होंने हार का सामना नहीं किया.

फोटो सौ. (अमित शाह ट्विटर)

2010 में हुए गिरफ्तार
सोहराबुद्दीन शेख की फर्जी मुठभेड़ के मामले में अमित शाह को 2010 में गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा. शाह पर आरोपों का सबसे बड़ा हमला खुद उनके बेहद खास रहे गुजरात पुलिस के निलंबित अधिकारी डीजी बंजारा ने किया.

साल 2014 में बने भाजपा अध्यक्ष
2014 लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी प्रभारी रहे, जिसमें उन्‍होंने पार्टी को शानदार सफलता दिलवाई. 9 जुलाई 2014 को भाजपा अध्यक्ष चुने गए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details