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दिल्ली: घोड़ी पर बैठ अब बारात लेकर सड़क पर नहीं निकल पाएगा दूल्हा, जानें कारण

ट्रैफिक जाम को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने एक नया कदम उठाया है. बड़े समारोह पर सर्वोच्च न्यायालय के नियमों के आधार पर मसौदा तैयार किया गया है. इसके तहत मुमकिन है कि कोई दुल्हा घोड़ी पर बैठकर सड़क से बारात लेकर नहीं गुजर सकता. पढ़ें पूरी खबर.

घोड़ी पर बैठकर बारात ले जाने पर प्रतिबंध

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Published : Jul 22, 2019, 1:22 PM IST

नई दिल्ली: बड़े बजट के समारोह पर नकेल कसने के लिए दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर नियमों का मसौदा तैयार कर लिया है. इससे जल्द ही दिल्ली सरकार द्वार लागू किया जाएगा. इस मसौदे में सड़क पर घोड़ी पर बैठकर दूल्हे के बारात ले जाने पर बैन होगा.

घोड़ी पर बैठकर बारात ले जाने पर प्रतिबंध

घोड़ी पर बैठकर बारात ले जाने पर प्रतिबंध
इस मसौदे के लागू होने के बाद राजधानी में घोड़ी पर बैठ कर सड़क पर बारात ले जाने पर प्रतिबंध लगेगा. सिर्फ फार्म हाउस या शादी स्थल की परिधि के भीतर ही घोड़ी पर बैठकर बारात ले जा सकेंगे. इससे ट्रैफिक जाम काफी हद तक कम होगा.

शादी या पार्टी से 7 दिन पहले नगर निगम से लेनी होगी अनुमति
राजधानी के फार्म हाउस में बड़े बजट की शादी और बड़ी पार्टी आयोजित करने से पहले नगर निगम से अग्रिम अनुमति लेनी होगी. शादी या पार्टी के दौरान भीड़ को नियंत्रित करना होगा. खाद्य सामग्री की भारी बर्बादी ना हो इसके लिए फार्म हाउस में होने वाले समारोह में भोजन की बर्बादी पर रोक लगाने के साथ-साथ पेयजल की आपूर्ति, बिजली आपूर्ति और वायु प्रदूषण जैसे विषयों को भी नियंत्रित किया जाएगा.

शादी और अन्य समारोह आयोजन से सात दिन पहले नगर निगम से अनुमति लेनी होगी. समय और तारीख भी निगम को बताने होंगे.

मोर्टल के बदले होटल का लाइसेंस
इसके लिए बाहरी दिल्ली इलाकों में मोर्टल के लाइसेंस को बदलकर होटल का लाइसेंस दिया जाएगा. मगर फार्म हाउस या मोर्टल में चल रही शादी में होने वाली भीड़ को नए नियमों द्वारा नियंत्रित किया जाएगा.

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दिल्ली सरकार के नए नियम लागू होते ही होटल, फार्म हाउस, होटल के मालिक को शादी या किसी भी समारोह को आयोजित करने से पूर्व फायर सर्विस से भी NOC लेना होगा. समारोह परिसर में लगे जेनरेटर सेट को प्रदूषण नियमों का पालन करना होगा.

पोर्टल के जरिए कर सकेंगे शिकायत
शुद्ध पेयजल के अलावा बर्तन धोने जैसे काम में शोधित जल का प्रयोग करना भी अनिवार्य होगा. मसौदे के लागू होने के बाद कार्रवाई के लिए कोई अगर शिकायत करना चाहता है तो एक कॉमन पोर्टल बनेगा. जिसमें सभी एजेंसियां शामिल होंगी.

कार्यक्रम स्थल का मालिक ऑपरेटर या जिससे संबंधित कार्यक्रम करना है वह अनुमति लेने के लिए इस पोर्टल पर आवेदन करेगा और इसी पोर्टल के जरिए लोग शिकायत भी कर सकेंगे.

5 लाख की सुरक्षा राशि होगी जमा
नए नियम तैयार करने के लिए मुख्य सचिव विजय देव ने एक कमेटी बनाई थी. कमेटी की रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट मॉनिटरिंग कमेटी से चर्चा के बाद मसौदा तैयार हो चुका है. सामाजिक आयोजन करने पर आयोजक को किसी भी आयोजन के लिए कार्यक्रम स्थल के संचालन के पास पांच लाख की सुरक्षा राशि जमा करानी होगी.

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