प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेह पहुंचकर जवानों को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने अप्रत्यक्ष रूप से चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि विस्तारवाद का दौर अब खत्म हो गया है. ऐसी कई ताकतें मिट गई हैं. मोदी के संबोधन की प्रमुख बातें-
- आप उसी धरती के वीर हैं, जिसने हजारों वर्षों से अनेकों आक्रांताओं के हमलों और अत्याचारों का मुंहतोड़ जवाब दिया है, हम वो लोग हैं जो बांसुरीधारी कृष्ण की पूजा करते हैं, वहीं सुदर्शन चक्रधारी कृष्ण को भी अपना आदर्श मानते हैं.
- हमारे यहां कहा जाता है, वीर भोग्य वसुंधरा. यानी वीर अपने शस्त्र की ताकत से ही मातृभूमि की रक्षा करते हैं. ये धरती वीर भोग्या है. इसकी रक्षा-सुरक्षा को हमारा सामर्थ्य और संकल्प हिमालय जैसा ऊंचा है. ये सामर्थ्य और संकल्प मैं आज आपकी आंखों पर, चेहरे पर देख सकता हूं.
- 14 कोर की जांबाजी के किस्से हर तरफ हैं, दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है. आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही हैं. भारत के दुश्मनों ने आपका साहस देखा है.
- आज हर देशवासी का सिर आपके यानी अपने देश के वीर सैनिकों के सामने आदरपूर्वक नतमस्तक होकर नमन कर रहा है. आज हर भारतीय की छाती आपकी वीरता और पराक्रम से फूली हुई है.
- मैं गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को आज पुनः श्रद्धांजलि देता हूं. उनके पराक्रम, उनके सिंहनाद से धरती अब भी, उनका जयकारा कर रही है. आज हर देशवासी का सिर, आपके सामने आदरपूर्वक नमन करता है. आज हर भारतीय की छाती आपकी वीरता और पराक्रम से फूली हुई है.
- अभी जो आपने और आपके साथियों ने वीरता दिखाई है, उसने पूरी दुनिया में ये संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है.
- आपका ये हौसला, शौर्य और मां भारती के मान-सम्मान की रक्षा के लिए आपका समर्पण अतुलनीय है. आपकी जीवटता भी जीवन में किसी से कम नहीं है. जिन कठिन परिस्थितियों में जिस ऊंचाई पर आप मां भारती की ढाल बनकर उसकी रक्षा, उसकी सेवा करते हैं, उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता.
- आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां, आप तैनात हैं. आपका निश्चय, उस घाटी से भी सख्त है, जिसको आप रोज अपने कदमों से नापते हैं. आपकी भुजाएं, उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके इर्द-गिर्द हैं. आपकी इच्छा शक्ति आस पास के पर्वतों की तरह अटल है.
- जब देश की रक्षा आपके हाथों में है, आपके मजबूत इरादों में है, तो सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश को अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत भी है.