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करौली पुजारी हत्याकांड: आरोपी पक्ष का पीड़ित परिवार के घर हंगामा

करौली में पुजारी हत्याकांड का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि रविवार को एक नया हंगामा सामने आया. रविवार को आरोपी कैलाश मीणा की दो पुत्रियों ने पीड़ित परिवार के घर पहुंच कर हंगामा किया. इससे पीड़ित परिवार को दिए गए पुलिस सुरक्षा की पोल खुलती नजर आई.

Priest massacre in Rajasthan
आरोपी पक्ष ने पीड़ितों को दी धमकी

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Published : Oct 11, 2020, 6:37 PM IST

करौली(राजस्थान) : जिले के सपोटरा तहसील के गांव बुकना में मंदिर के पुजारी बाबूलाल का मांगों पर सहमति बनने के बाद शनिवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया. वहीं, रविवार को आरोपी पक्ष की दो बालिकाएं पुजारी के घर पहुंचीं और जमकर हंगामा किया.

पीड़ित परिवार के घर के बाहर लगाया गया पुलिस बल

आरोपी पक्ष की दो बालिकाओं ने मीडिया के सामने मृतक बाबूलाल पर आग लगाकर आत्महत्या करने के आरोप लगाए. मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मेडिकल टीम की मदद से दोनों बालिकाओं को पीड़ित परिवार के घर से हटाया. जिसके बाद पीड़ित परिवार के घर के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. इस हंगामे ने पुलिस और प्रशासन की लापरवाही और पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने के वादे की पोल खोल दी है.

लड़कियों ने किया हंगामा.

पढ़ें-पुजारी हत्याकांडः पीड़ित परिवार का धरना खत्म, 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद और एक सदस्य को मिलेगी नौकरी

दरअसल, करौली के बुकना गांव में मृतक बाबू पुजारी के घर पर समझौते के तहत सुरक्षा देने का वादा किया गया था, लेकिन रविवार दोपहर बाद अचानक मुख्य आरोपी कैलाश मीणा की 2 पुत्रियों के पीड़ित परिजनों के पास पहुंचने से मामला गरमा गया. आरोपी कैलाश मीणा की दोनों पुत्रियों ने पीड़ित परिवार के घर पर हंगामा किया.

पुजारी ने की है आत्महत्या

आरोपी की दोनों बेटियों ने मीडिया के सामने कहा कि बाबू पुजारी ने आत्महत्या की है, हमने उसे नहीं मारा है. उसने खुद ही आग लगाई है. इसके बाद दोनों हंगामा और गाली-गलौज करती हुईं मीडिया से बदसलूकी पर उतर आईं. मौके पर सुरक्षा में लगे पुलिस जवान वहीं थे. जिस वजह से मामले ने तूल पकड़ लिया और करौली पुजारी हत्याकांड में पुलिस सुरक्षा की पोल खुल गई.

स्थानीय लोगों ने किया दोनों लड़कियों को समझाने का प्रयास

वहीं, पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के लिए लोगों ने लड़कियों को काफी समझाया, लेकिन दोनों लड़कियां मानने को तैयार नहीं थीं. मामले की सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, लेकिन महिला कॉन्स्टेबल नहीं होने के कारण दोनों लड़कियों को रोका नहीं जा सका. घटनास्थल पर मौजूद चिकित्सा टीम की नर्स दोनों लड़कियों को मेडिकल टीम की गाड़ी से सपोटरा चिकित्सालय ले गई.

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